बाल अपराधियों के फरार होने के बाद औरंगाबाद रिमांड होम की बढ़ाई गई सुरक्षा, अधीक्षक पर कार्रवाई संभव
बच्चों के भागने के पहले सुरक्षित स्थान की सुरक्षा में पांच सशस्त्र पुलिसबल तीन होमगार्ड एवं तीन निजी सुरक्षा गार्ड तैनात थे। घटना के बाद मंगलवार से पांच अतिरिक्त लाठीबल की तैनाती की गई है। सुरक्षित स्थान के अधीक्षक बैजनाथ कुमार के खिलाफ रिपोर्ट प्राप्त हुई है।
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बभंडी स्थित सुरक्षित स्थान (रिमांड होम) से सोमवार की भोर में छह बच्चों के फरार होने की घटना के बाद यहां की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। डीएम सौरभ जोरवाल एवं एसपी सुधीर कुमार के द्वारा पुलिसबल की संख्या बढ़ा दी गई है।
बच्चों के भागने के पहले सुरक्षित स्थान की सुरक्षा में पांच सशस्त्र पुलिसबल, तीन होमगार्ड एवं तीन निजी सुरक्षा गार्ड तैनात थे। घटना के बाद मंगलवार से पांच अतिरिक्त लाठीबल की तैनाती की गई है। डीएम ने बताया कि बच्चों के भागने में सुरक्षित स्थान के अधीक्षक बैजनाथ कुमार के खिलाफ रिपोर्ट प्राप्त हुई है। कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा गया है।
डीएम ने बताया कि यह भी मालूम हुआ कि सुरक्षित स्थान की सुरक्षा में तैनात पुलिसबल को अंदर भ्रमण करने पर रोक थी। बच्चों के भागने की घटना के बाद इस रोक को हटा दिया गया है और अब पुलिसबल अंदर तक भ्रमण करेंगे। पूरी रात रोस्टर के तहत ड्यूटी करेंगे। सुरक्षित स्थान की सुरक्षा में जो कमियां पाई गई है उसे सही करने को लेकर समाज कल्याण विभाग को पत्र भेजा गया है।
भवन निर्माण विभाग को कमियां दूर करने का निर्देश दिया गया है। डीएम ने बताया कि सुरक्षित स्थान की सुरक्षा के लिए भवन निर्माण विभाग के द्वारा करीब 60 लाख का प्राक्कलन बनाया गया है। जल्द ही निविदा का प्रकाशन कर कार्य शुरु कराने का निर्देश दिया गया है।
सुरक्षा में अभी भी है कई कमियां
सुरक्षित स्थान की सुरक्षा में अब भी कई कमियां है। यहां अबतक सीसीटीवी नहीं लगाया गया है। बिजली कटने के बाद प्रकाश की व्यवस्था के लिए जनरेटर तक की व्यवस्था नहीं की गई है। भवन के पीछे दो दिवारों के बीच में काफी गैप है। इस गैप के माध्यम से बाहर से अंदर आपत्तिजनक सामान आसानी से फेंका जा सकता है।
सुरक्षित स्थान की सुरक्षा में समाज कल्याण विभाग के राज्य मुख्यालय के अधिकारियों की लापरवाही भी उजागर हुई है। सुरक्षा को लेकर जिला से पत्र भेजे जाने के बावजूद वरीय अधिकारियों के द्वारा कार्रवाई नहीं की गई है। आज उसी का परिणाम है कि छह बच्चे सुरक्षित स्थान से फरार हो गए हैं।
बना था पर्यवेक्षण गृह और बना दिया गया सुरक्षित स्थान
सुरक्षित स्थान का भवन पर्यवेक्षण गृह के लिए बना था पर समाज कल्याण विभाग के द्वारा इसे सुरक्षित स्थान बना दिया गया और इसमें 18 वर्ष से कम उम्र के अपराध करने वाले बच्चों को रखा जाने लगा। भवन को पर्यवेक्षण गृह के मानक के तहत बनाया गया था। भवन की चहादिवारी की ऊंचाई भी कम है। बच्चों को यहां से फरार होने के बाद घटना की रिपोर्ट सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण ईंकाई के द्वारा डीजे, डीएम से लेकर विभागीय वरीय अधिकारियों को भेजा गया है।
उद्घाटन के दिन डीजे ने बताई थी कई कमियां
सुरक्षित स्थान के उद्घाटन के दिन तत्कालीन जिला जज के द्वारा निरीक्षण में कई कमियां बताई गई थी पर आजतक उस कमियां को दूर नहीं किया गया। भवन की सुरक्षा से लेकर इसमें रहने वाले बच्चों की सुरक्षा के संबंध में कई बातें बताई थी। जिस कमरे में बच्चे रहते हैं उस कमरे में लगे बिजली का बोर्ड को ऊंचाई पर लगाने का निर्देश दिया था यह अबतक नहीं किया गया है।