सासाराम: कोविड टीकाकरण में रूचि नहीं लेने वाले डेढ़ दर्जन हेडमास्टरों से शोकाज
फरवरी माह में बिहार बोर्ड व उसके बाद सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा होने वाली है। परीक्षा को देखते हुए नौवीं से 12 वीं तक के छात्रों को कोविड टीका को अनिवार्य किया गया है ताकि परीक्षा के दौरान उन्हें कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके।
जागरण संवाददाता, सासाराम : रोहतास। 15 से 18 वर्ष तक के किशोरों को कोविड टीकाकरण कराने में रूचि नहीं लेने वाले उच्च व उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों व संचालकों से स्पष्टीकरण पूछा गया है। जिन विद्यालयों के हेडमास्टर व संचालक से स्पष्टीकरण पूछा गया है, उसमें डेहरी के दो व बिक्रमगंज के सभी उच्च व उच्च माध्यमिक विद्यालय शामिल है। यह कार्रवाई संबंधित अनुमंडल के एसडीएम के प्रतिवेदन के आधार पर डीईओ ने की है।
डीईओ संजीव कुमार ने बताया कि फरवरी माह में बिहार बोर्ड व उसके बाद सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा होने वाली है। परीक्षा को देखते हुए नौवीं से 12 वीं तक के छात्रों को कोविड टीका को अनिवार्य किया गया है ताकि परीक्षा के दौरान उन्हें कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके। 25 जनवरी तक जिले के सभी सरकारी व निजी विद्यालयों तथा कालेजों में पढ़ने वाले नौवीं से दसवीं तक के शत प्रतिशत छात्रों को टीकाकरण कराने का निर्देश प्राचार्यों व संचालकों को दिया गया है।
अभी तक 60 प्रतिशत छात्रों को कोविड टीका से प्रतिरक्षित किया जा चुका है। परंतु डेहरी के डीएवी पब्लिक स्कूल व जेम्स स्कूल इंद्रपुरी में विद्यालय प्रबंधन द्वारा टीकाकरण में कोई रूचि नहीं लिए जाने के कारण दोनों विद्यालय के प्राचार्य से स्पष्टीकरण की मांग की गई। इसके अलावा बिक्रमगंज के सभी उच्च व उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक से शोकाज किया गया है। जिन स्कूल के बच्चों को कोविड-19 टीकाकरण नहीं कराया गया है उन्हें एग्जाम में बैठने में दिक्कत आएगी।