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Sasaram News: अंधेरे में उजाले की ज्योति जलाने को आतुर है सूर्यपुरा का गोशलडीह हाईस्‍कूल

ग्रामीण स्तर पर शिक्षा की लौ जगाने को लेकर गोशलडीह में क्षेत्र के बुद्धिजीवियों ने पांच दशक पूर्व जो प्रयास किया था उसने अगले तीन-चार वर्षों में ही रंग लाना शुरू कर दिया था। तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद विद्यालय पुराने वैभव को प्राप्त करने की ओर बढ़ रहा है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 04:54 PM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 04:54 PM (IST)
Sasaram News: अंधेरे में उजाले की ज्योति जलाने को आतुर है सूर्यपुरा का गोशलडीह हाईस्‍कूल
गोशलडीह हाईस्‍कूल का रहा है गौरवशाली इतिहास। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

संवाद सूत्र, सूर्यपुरा (सासाराम)। ग्रामीण स्तर पर शिक्षा की लौ जगाने को लेकर गोशलडीह में क्षेत्र के बुद्धिजीवियों ने पांच दशक पूर्व जो प्रयास किया था, उसने अगले तीन-चार वर्षों में ही रंग लाना शुरू कर दिया था। इस दौरान तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद विद्यालय खड़ा रहा और अब अपने पुराने वैभव को प्राप्त करने की ओर बढ़ रहा है। क्षेत्र के लोगों ने भूदान कर यहां शिक्षा की ज्योति जलाई थी। 1971 में बलिराम भगत उच्च विद्यालय गोशलडीह की स्थापना हुई थी। इससे ग्रामीण स्तर के छात्र-छात्राओं को काफी सुविधा मिली। जो बच्चे -बच्चियां गांव से दूर जाकर शिक्षा ग्रहण नही कर सकते थे, उन्हें गांव में ही उच्च शिक्षा की सुविधा मिल गई। इसका परिणाम हुआ कि शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े इस इलाके के कई लोग सेना, शिक्षा सहित अन्य विभाग में बड़े ओहदे पर पहुंच गए। उन्होंने न सिर्फ विद्यालय का नाम रौशन किया, बल्कि अन्य के लिए भी प्रेरणास्रोत बने। यहां के छात्र धांगो गांव निवासी सुनील कुमार रंजन सेना में कैप्टन, सोनम कुमारी व विनय कुमार ने चिकित्सा के क्षेत्र में, धीरज कुमार सीआरपीएफ व धीरेंद्र कुमार ने रेलवे में बड़े पद को सुशोभित कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है।

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14 लोगों ने किया था भूदान

बताया जाता है कि विद्यालय निर्माण के लिए 14 स्थानीय लोगो ने भूदान किया था। 1971 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बलिराम भगत आरा  से लोकसभा का चुनाव से जीते थे। इनका विद्यालय निर्माण में भी सहयोग रहा था, जिससे विद्यालय कमेटी की पहल पर इसका नाम बलिराम भगत उच्च विद्यालय रखा गया। स्थापना के बाद से अब तक 10 वीं तक ही पठन-पाठन का कार्य चलता है। इसे सरकार द्वारा 1981 में मान्यता मिली थी। उसके बाद इंटर तक विद्यालय हो चुका है, लेकिन इंटर की पढ़ाई शुरू नहीं हुई है। यहां इंटर के लिए दो शिक्षकों की नियुक्ति भी हो चुकी है। शिक्षक नवीन कुमार नवीन ने बताया कि अगले सत्र 2022 से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

कहते हैं प्रधानाध्यापक

प्रभारी प्रधानाध्‍यापक अजित कुमार कौशल ने कहा कि विद्यालय में कुल 445 छात्र-छात्रा नामांकित है। इसमें नवम वर्ग में 230 व 10 वीं वर्ग में 215 छात्र-छात्रा हैं। माध्यमिक शिक्षकों की संख्या नौ, प्लस टू शिक्षकों की संख्या दो, पुस्तकालयाध्यक्ष एक व एक आदेशपाल हैं। अब यहां प्लस टू शुरू होने का इंतजार है। उसके लिए भवन बनकर तैयार है, सिर्फ नामांकन का इंतजार है।


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