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रोहतास: तीन दिव्‍यांग पुत्र के पिता ने पीएम व सीएम से मांगी थी इच्‍छा मृत्‍यु, आज तक कम नहीं हुई मुसीबतें

संझौली के छुलकार गांव में तीन दिव्यांग पुत्रों के पिता देवमुनि सिंह की मुसीबतें कम नहीं हो रही है। अब प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में नाम नहीं होने का दंश झेल रहें हैं। मामला हाई लेवल तक पहुंचने पर भी पिछले तीन वर्षों से सिर्फ आश्‍वासन मिला।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 07:55 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 08:52 AM (IST)
रोहतास: तीन दिव्‍यांग पुत्र के पिता ने पीएम व सीएम से मांगी थी इच्‍छा मृत्‍यु, आज तक कम नहीं हुई मुसीबतें
देवमुनि काे मदद का इंतजार, सांकेतिक तस्‍वीर।

 संझौली (रोहतास),संवाद सूत्र। एक ओर गरीबी की मार तो दूसरी ओर जिंदगी और माैत से जंग लड़ रहे तीन-तीन दिव्यांग पुत्रों के पिता संझौली के छुलकार गांव के देवमुनि सिंह की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। बरसात की शुरुआत में ही मिट्टी का बना जर्जर आशियाना गिरने की आशंका व जानमाल का खतरा परिवार के समक्ष मुंह बाए खड़ा हो गया है।  उप प्रमुख डॉ. मधु उपाध्याय व बीडीओ कुमुद रंजन ने तीनों दिव्यांग भाइयों व उनके माता - पिता को गांव के ही स्कूल में रहने की व्यवस्था कराई।

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बताया जाता है कि प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में नाम नहीं होने का देवमुनि दंश झेल रहें हैं। उन्हें गत तीन वर्षों से अधिकारियों के आश्वासन के सिवा अबतक कुछ हासिल नहीं हो पाया है। तत्कालीन डीएम पंकज दीक्षित के निर्देश पर बीडीओ द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए बनी सूची में प्राथमिकता के साथ नाम को जोड़ लिया गया है, लेकिन आवास के लिए कोई तत्काल व्यवस्था नहीं होने के कारण यह परिवार आवास की कमी झेल रहा है। दो सालों से आवास के लिए टकटकी लगाए बैठे दिव्यांगों के पिता ने हर जगह दरवाजा खटखटाया, लेकिन कही से कोई उम्मीद नजर नहीं आई। सिस्टम से लड़ाई लड़ते-लडते अब वे थक चुके हैं।

 दिव्यांगों को कमिश्नर भी नहीं दिला पाए न्याय

यह वही दिव्यांग भाई हैं, जिन्हें तत्कालीन राज्य निशक्तता आयुक्त डॉ. शिवाजी कुमार भी न्याय नहीं दिला पाएं। छुलकार के देवमुनी सिंह ने तिल-तिल मर रहे अपने तीन दिव्यांग संतानों की व्यथा से आजीज होकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को पत्र भेज इच्छामृत्यु की मांग की थी। दिव्यांगों की व्यथा से संबंधित खबर दैनिक जागरण में 13 जुलाई 2019 को प्रमुखता से छपी थी। खबर को ले हरकत में आया प्रशासन ने एक सामान्य शौचालय का निर्माण कराया व ट्राई साइकिल भी उपलब्ध कराई। सिविल सर्जन ने दिव्यांगों की बीमारी की जानकारी ली। 27 जुलाई 2019 को राज्य निशक्तता आयुक्त दिव्यांगों से मिलने उसके घर छुलकार पहुंचे व उन्हें देख काफी व्यथित भी हुए। उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों को बच्चों की शिक्षा, कमोड वाला शौचालय, घर तक गली-नाली एवं आंगन का पक्कीकरण समेत जीवनयापन सुविधाएं उपलब्ध कराने का आदेश दिया, लेकिन उनके जाने के उपरांत अधिकारियों ने जैसे उनकी बातों को अनसुनी कर दी। अंतत: देवमुनि सिंह द्वारा आयुक्त के न्यायालय में परिवाद दायर कर गुहार लगाई गई। चार नवंबर 2019 को न्यायालय में जिलाधिकारी रोहतास के अधिकृत प्रतिनिधि भी उपस्थित हुए थे। असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग रोहतास के सहायक निदेशक भी निशक्तता आयुक्त के न्यायालय में अपनी हाजरी लगा चुके हैं। अंतत: न्याय तो नहीं मिला, पर आयोग द्वारा वाद को ही ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।


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