Gaya: जीविका प्रबंधक की मौत मामले में राजद विधायक ने जताई नाराजगी, कहा-लापरवाही बर्दाश्त नहीं
टिकारी अनुमंडलीय अस्पताल में हाजीपुर के जीविका प्रबंधक की मौत पर स्वजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया है। गुरुआ के राजद विधायक ने अस्पताल पहुंचकर घटनाक्रम की जानकारी ली। कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
टिकारी (गया), संवाद सहयोगी। अनुमंडलीय अस्पताल में इलाज के लिए आए एक युवक की मौत की सूचना पर गुरुआ के राजद विधायक (RJD MLA) विनय कुमार यादव ने अस्पताल पहुंचकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। विधायक ने अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. विश्वमूर्ति मिश्रा, स्वास्थ्य प्रबंधक अजीत कुमार सिंह के साथ इलाज कर रहे डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों से जानकारी ली।साथ ही मृतक के स्वजनों द्वारा ऑक्सीजन लगाने में लापरवाही के लगाए गए आरोपों पर भी सवाल-जवाब किया। और भविष्य में ऐसी लापरवाही न बरतने की बात कही। इसके बाद विधायक यादव ने कोविड 19 को लेकर अनुमंडल स्तर पर बनाये गए कोविड हेल्थ सेंटर में उपलब्ध व्यवस्था की जानकारी लेते हुए संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने, आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर समुचित इलाज करने, सामान्य स्थिति में भी रेफर करने की आदत में सुधार लाने की सलाह प्रभारी उपाधीक्षक को दी।
डॉक्टर ने समय पर नहीं लगाया ऑक्सीजन
गौरतलब है कि अनुमंडलीय अस्पताल में शिवा बिगहा गांव के 28 वर्षीय अजय कुमार को भर्ती कराया गया था। बुधवार दोपहर बाद उसकी मौत हो गई। अजय की मौत के बाद स्वजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से मौत हुई है। समय पर ऑक्सीजन नहीं दिया गया। मृतक के भाई चंद्रभूषण ने बताया कि अचानक सांस लेेेनेे में परेशानी होने पर अजय को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां डॉक्टर ने जांच कर कहा कि ऑक्सीजन लेेेवल सही है। उधर मरीज सांस की कमी से तड़प रहा था। जब परिवार के लोगों ने ऑक्सीजन देने का दबाव बनाया तो पाइप लगा दिया गया लेकिन उसमें ऑक्सीन आ ही नहीं रहा था। इसके बाद बी टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर लाया लेकिन उसे खोलने में काफी देर हो गई और अजय ने तड़पकर दम तोड़ दिया। अजय की कोरोना जांच रिपोर्ट 21 अप्रैल को निगेटिव आई थी। उसी दिन आरटीपीसीआर टेस्ट भी किया गया था लेकिन उसकी रिपोर्ट नहीं आई। उपाधीक्षक ने आरोपों काे बताया बेबुनियाद
मौत की सूचना पर विधायक डॉ. अनिल कुमार ने तुरंत एसडीएम करिश्मा से बात की और घटना की तुरंत जांच करने को कहा। जिसके बाद एएसडीएम संतन कुमार सिंह मामले की जांच करने अस्पताल पहुंचे। इधर के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. विश्वमूर्ति मिश्रा ने आरोपों को बेबुनियाद बताया। कहा कि ऑक्सीजन की सप्लाई बंद होने पर सिलेंडर से ऑक्सीजन दिया गया था। स्वास्थ्य प्रबंधक अजीत कुमार सिंह का कहना था कि मरीज को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। मालूम हो कि अजय जीविका में वैशाली का जिला प्रबंधक था। आइआइटी मुंबई से उसने एमटेक की डिग्री हासिल की थी। तबीयत खराब होने पर 19 अप्रैल को वह अपने घर शिवा विगहा आया था। गया।