Move to Jagran APP

बोधगया विधानसभा सीट से राजद प्रत्याशी कुमार सर्वजीत ने रचा इतिहास, लगातार दूसरी बार बने विधायक

बोधगया विधानसभा सीट के इतिहास में अब तक कोई भी प्रत्‍याशी लगातार दूसरी बार विधायक नहीं बना था। लेकिन राजद प्रत्‍याशी कुमार सर्वजीत ने लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया है। उन्‍होंने भाजपा प्रत्‍याशी को पराजित किया है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 10:12 AM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 10:12 AM (IST)
बोधगया विधानसभा सीट से राजद प्रत्याशी कुमार सर्वजीत ने रचा इतिहास, लगातार दूसरी बार बने विधायक
चुनाव जीतने के बाद समर्थकों के साथ बोधगया के राजद विधायक। जागरण

जेएनएन, गया। बोधगया विधानसभा सीट राजद के कुमार सर्वजीत ने जीत ली। उन्‍होंने यहां इतिहास रच दिया। वर्ष 1957 के बाद कुमार सर्वजीत पहले ऐसे विधायक हैं जिन्‍होंने इस विधानसभा क्षेत्र से पहली बार लगातार दूसरी बार जीत हासिल किया है। उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी रहे हरि मांझी को पराजित किया। हालांकि कुमार सर्वजीत बोधगया विधानसभा का तीसरी बार प्रतिनिधित्व करेंगे। लेकिन यह आंकड़ा दो बार लगातार का नहीं है।

loksabha election banner

मालूम हो कि पहली बार वे उप चुनाव में लोजपा के टिकट पर विजयी हुए थे। लेकिन अगला चुनाव वे हार गए। फिर 2015 में राजद के टिकट पर विधायक चुने गए। कुमार सर्वजीत ने भाजपा के श्यामदेव पासवान को करीब 30 हजार मतों से पराजित किया था। उस चुनाव में सर्वजीत को 82,656 और भाजपा के श्यामदेव को 52,183 मिले थे। निर्दलीय प्रत्याशी देवेंद्र तीसरे नंबर पर रहे।

इस चुनाव में उन्होंने एक बार विधायक और दो बार गया संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे हरि मांझी को पराजित किया है। हालांकि वोटों का अंतर कम है लेकिन यह जीत बड़ी मानी जा रही है। बिहार विधानसभा के चुनाव में इस बार 61.14 प्रतिशत मतदान हुआ था। बोधगया सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र से इस बार चुनाव मैदान में कुल 17 प्रत्याशी डटे थे। लेकिन सीधी टक्कर राजग के भाजपा उम्मीदवार हरि मांझी और महागठबंधन के राजद उम्मीदवार कुमार सर्वजीत के बीच रही। इस बार सर्वजीत की जीत का आंकड़ा पिछले चुनाव से काफी कम है। तीसरे स्थान पर रालोसपा के अजय पासवान रहे।

कोरोना के कारण नहीं कर सके थे प्रचार- नामांकन से पहले सर्वजीत कोरोना से पीड़ित हो गए। इलाज के लिए उन्‍हें दिल्ली जाना पड़ा। प्रचार भी नहीं कर सके। उनकी पत्‍नी और चुनाव मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी रहीं सीमा कुमारी, स्वजन और कार्यकर्ताओं ने ही प्रचार की कमान संभाल रखी थी। चुनाव में अन्‍य प्रत्याशियों ने इसका फायदा उठाते हुए मुकाबले को त्रिकोणीय करने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन वे सफल नही हो सके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.