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तालाब की खोदाई में कोल राजा गढ़ के अवशेष

जिले के डोभी प्रखंड के केसापी पुराना डीह टोला स्थित तालाब की खोदाई में कोल राजा के गढ़ के अवशेष मिले हैं। फिलहाल सुरंग और मंदिर की दीवारें मिली है। ऐसे में संवेदक ने फिलहाल खोदाई रोक दी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Jun 2020 05:19 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2020 07:54 PM (IST)
तालाब की खोदाई में कोल राजा गढ़ के अवशेष
तालाब की खोदाई में कोल राजा गढ़ के अवशेष

नीरज कुमार मिश्रा, डोभी

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जिले के डोभी प्रखंड के केसापी पुराना डीह टोला स्थित तालाब की खोदाई में कोल राजा के गढ़ के अवशेष मिले हैं। फिलहाल, सुरंग और मंदिर की दीवारें मिली हैं। ऐसे में संवेदक ने फिलहाल खोदाई रोक दी है।

ग्रामीणों की मानें तो यह तालाब कोल राज द्वारा बनाया गया है। तालाब के आस-पास अभी भी जमीन की खोदाई करने पर कई सामान मिलते हैं। वहीं, सरपंच कृष्णदेव वर्मा ने कहा कि बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि कोल राजा अपने आस-पास के इलाके का न्याय इसी गढ पर सभासद के बीच करते थे। तालाब की खुदाई के दौरान लगाई गई मशीन तालाब के कुछ भाग में ले जाने पर बंद हो जाने लगा। जैसे ही वहा से हटाकर दूसरे जगह ले जाई गई मशीन स्वत: कार्य करने लगाती है। इसके कारण संवेदक ने तालाब के एक भाग की खोदाई बंद कर दी। तालाब के उस भाग में काफी पुरानी ईटें निकल रही थीं। ईट की ऊपरी परत से मिट्टी की खोदाई बंद है। तालाब से गढ़ की दूरी लगभग तीन सौ मीटर है। वहीं, निलाजन नदी की दूरी करीब सात सौ मीटर है। तालाब में चार फीट खोदाई होते ही मशीन खराब होने लगी। ग्रामीण उक्त स्थल को मंदिर बता रहे हैं। ग्रामीणों की मानें तो तालाब के बीच में मंदिर बनाया गया होगा। समय के साथ वह भी तालाब के विलीन हो गया है। गढ़ के पास आज भी खुदाई करने पर कई ऐतिहासिक सामान मिलेंगे।

गढ़ को जमीन में मिलाकर किसान कर रहे हैं खेती

गाव में कोल राजा के गढ़ के नाम पर अब थोड़ी-सी जमीन दिखती है। पूरे गढ़ को गाव के लोग समतल कर जमीन में मिला दिए हैं। इस जमीन पर किसानों द्वारा खेती की जा रही है। ग्रामीण गंगा यादव की मानें तो केसापी में कोल राजा का न्यायालय चलता था। उसे कचहरी कहा जाता था। इसी कारण गाव का नाम केसापी पड़ा। इस गाव में स्थित किले की जमीन व उसके पास केवल अवशेष बचे हैं। वहीं पास में कुएं की उड़ाही कराई जाए तो कई बेशकीमती सामान और वर्षो पुराना इतिहास सामने आ जाएगा।

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दो वर्ष पहले मिली

थी मिट्टी पाइप

दो वर्ष पहले खेत में कार्य करे रामाशीष प्रसाद के खेत की जुताई करने के दौरान हजारों साल पुरानी पाइप मिली थी, जो मिट्टी से निर्मित थी। लोहे के बडे़ हथौडे़ के प्रयोग करने पर भी नहीं टूटती है। ग्रामीण अजय सुमन ने कहा कि पुरातत्व विभाग को केसापी के इतिहास को सामने लाने की जरूरत है।

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अभी ग्रामीणों की ओर से ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है। जानकारी मिलने पर इसके बारे में पुरातत्व विभाग को सूचित किया जाएगा।

-नीरज कुमार राय, बीडीओ, डोभी

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-डोभी का केसापी कोल राजा का क्षेत्र रहा है। अगर वहां खोदाई के दौरान अवशेष मिले हैं तो पुरातत्व विभाग जल्द ही उसकी जांच कराएगा। इसके बाद अग्रिम कार्यवाही होगी।

-डॉ. विनय कुमार, पुरातत्ववेत्ता व अध्यक्ष, गया संग्रहालय।


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