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रामगढ़ ग्राम भारती बालिका विद्यापीठ का अस्तित्व खतरे में, स्नातक तक की पढ़ाई बंद, भवन कहीं, जमीन कहीं और

कैमूर जिले का सबसे खूबसूरत और वातानुकूलित बालिका विद्यापीठ का अस्तित्व इन दिनों खतरे में है। बालिका विद्यापीठ में छात्राओं की स्नातक की पढ़ाई भी बंद हो गई है। विद्यापीठ की बसें छात्राओं के नहीं आने जाने से बंद होकर जंग खा रही हैं।

By Prashant KumarEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 10:17 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 10:17 AM (IST)
रामगढ़ ग्राम भारती बालिका विद्यापीठ का अस्तित्व खतरे में, स्नातक तक की पढ़ाई बंद, भवन कहीं, जमीन कहीं और
कैमूर के बालिका विद्यापीठ में जंग खाती बस। जागरण।

संवाद सूत्र, रामगढ़ (भभुआ)। कैमूर जिले का सबसे खूबसूरत और वातानुकूलित बालिका विद्यापीठ का अस्तित्व इन दिनों खतरे में है। बालिका विद्यापीठ में छात्राओं की स्नातक की पढ़ाई भी बंद हो गई है। विद्यापीठ की बसें छात्राओं के नहीं आने जाने से बंद होकर जंग खा रही हैं।

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विद्यापीठ में कार्यरत शिक्षिकाओं और कर्मचारियों की नौकरी भी अधर में है। यह हाल इस विद्यापीठ का तब हुआ जब बीते वर्ष वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय की पांच सदस्यीय टीम महाविद्यालयों की संबद्धता हेतु जांच करने यहां पहुंची। जांच के दौरान विद्यापीठ का भवन तो चकाचक दिखा लेकिन इसका कैंपस धरातल पर संबद्धता योग्य नहीं मिला।स्नातक के महाविद्यालय के लिए जितनी जमीन होनी चाहिए उतनी नहीं पाई गई, जो जमीन इसके पास है वह इसके मुख्य भवन से काफी दूर लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर है। जो नियमा अनुकूल नहीं है  यहीं संबद्धता में मुख्य अवरोधक बना। निराश होकर विश्वविद्यालय की टीम को लौटाना पड़ा। तभी से इस बालिका विद्यापीठ में छात्राओं का स्नातक में नामांकन बंद हो गया। अब कई शिक्षिकाएं भी विद्यापीठ से नाता तोड अन्यत्र चली गई हैं। तभी से इस यह विद्यापीठ मात्र एक खूबसूरत इमारत बन कर रह गयी है।

बता दें कि क्षेत्र की बालिकाओं को उच्चतर शिक्षा ग्रहण करने के लिए बाहर न जाना पड़े इसके लिए रामगढ़ में गोड़सरा पोखरे से सटे उत्तर दिशा में इस बालिका विद्यापीठ का निर्माण कराया गया था। चारों तरफ से  बहु मंजिली इस इमारत की नक्काशी भी किसी राजभवन से कम नहीं है। वातानुकूलित कक्ष से लेकर कंप्यूटर केंद्र तक का निर्माण भी इसमें हुआ है जिसका उद्घाटन 13 जुलाई 2010 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा तत्कालीन बक्सर सांसद जगदानंद सिंह की उपस्थिति में हुआ था। इस संबंध ने विद्यापीठ की प्राचार्या सीतामढ़ी त्रिपाठी ने पूछने पर उन्होंने कहा कि इस विषय पर मैं कुछ भी बोलने को स्थिति में नहीं हूं ।


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