Railway ने अपनाई कछुए की चाल, तीन वर्ष में भी पूरा नहीं हो सका चुनार-सासाराम नई रेल लाइन का सर्वे
चुनार से सासाराम तक प्रस्तावित नई रेल लाइन का सर्वे कार्य तीन वर्ष में भी पूरा नहीं हो सका है। अभी भी 124 किलोमीटर लंबी इस नई रेल लाइन का सर्वे का कार्य जारी है। इस बात का खुलासा आरटीआइ कार्यकर्ता कशीफ कमाल द्वारा मांगी गई सूचना से हुआ है।
जागरण संवाददाता, सासाराम। चुनार से सासाराम तक प्रस्तावित नई रेल लाइन का सर्वे कार्य तीन वर्ष में भी पूरा नहीं हो सका है। अभी भी 124 किलोमीटर लंबी इस नई रेल लाइन का सर्वे का कार्य जारी है। इस बात का खुलासा आरटीआइ कार्यकर्ता कशीफ कमाल द्वारा मांगी गई सूचना से हुआ है। इसमें रेलवे के सूचना अधिकारी ने सर्वे कार्य को प्रगति में होने की बात कही है। कच्छप गति से हो रहे सर्वे कार्य से स्थानीय लोगों में असंतोष व्याप्त होने लगा है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए एक की सरकार ने अंतरिम बजट में 124 किलोमीटर लंबी चुनार-सासाराम नई रेल लाइन को मंजूरी देते हुए सर्वे के लिए 35 लाख रुपये स्वीकृत किया था। सर्वे का कार्य वित्तीय वर्ष 2018-19 से जारी है। सर्वे कार्य का जिम्मा उत्तर-मध्य रेलवे इलाहाबाद मंडल को दिया गया है। एनडीए दो की सरकार में स्थानीय लोगों की उम्मीद थी कि सर्वे कार्य तत्काल पूरा करा रेल लाइन निर्माण की दिशा में सरकार अगला कदम उठाएगी।
पुलिस पब्लिक हेल्पलाइन के सदस्यों की मानें तो स्वीकृत नई रेल लाइन को ले पिछले कई वर्षों से प्रयास किया जाता रहा है। इसे ले रेल मंत्री से लेकर विभागीय अधिकारियों को प्रस्तावित रेल लाइन के निर्माण कार्य शुरू कराने के लिए कई बार आवेदन भी दिया जा चुका है। हर बजट में लोगों की उम्मीद रहती है कि सरकार इसे ले आम बजट में सरकार कोई नई घोषणा करेगी, परंतु अभी तक सर्वे कार्य भी अधूरा है।
नई रेल लाइन के तैयार हो जाने से लोगों को चुनार होते हुए इलाहाबाद जाने में कम दूरी तय करनी पड़ेगी, जबकि राजस्व उगाही की दृष्टीकोण से सासाराम रेलवे स्टेशन डीडीयू डिवीजन में तीसरे नंबर पर पिछले कई कई वित्तीय वर्ष से रहा हे। बावजूद यात्री सुविधाओं से जुड़े कई विकास कार्य अभी अपूर्ण हैं। सांसद छेदी पासवान (MP Chedi Paswan) ने भी रेल मंत्री को पत्र लिख अपूर्ण योजनाओं को पूरा कराने की मांग की है।