औरंगाबाद में निजी स्कूल संचालकों ने निकाला मार्च, कहा, 12 अप्रैल से मिले स्कूल खोलने की अनुमति
18 अप्रैल तक स्कूल बंद किए जाने के सरकार के फैसले के विरोध में प्राइवेट स्कूल संचालकों में नाराजगी है। उनका कहना है कि 12 अप्रैल से स्कूल खोलने की अनुमति मिले। वे कोरोना के तमाम गाइडलाइन का पालन करेंगे।
औरंगाबाद, जागरण संवाददाता। कोरोना की वजह से निजी स्कूलों को 18 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया गया है। प्राइवेट स्कूल संचालक इसका विरोध कर रहे हैं। वे 12 अप्रैल से स्कूल खोले जाने की अनुमति मांग रहे हैं। इसके क्रम में शनिवार को प्राइवेट स्कूल एवं बाल शिक्षा सहोदय संगठन, बिहार का एक प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष नंदकिशोर सिंह के नेतृत्व में प्रभारी डीएम अंशुल कुमार से मिला। वहीं जगतपति कोचिंग संघ सह प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से शांति मार्च निकाला गया।
निजी स्कूलों के लिए आर्थिक पैकेज देने की मांग
प्रभारी डीएम से मिले प्रतिनिधिमंडल ने प्रभारी डीएम के माध्यम से बिहार सरकार से मांगें की हैं। इसमें एहतियातों का पालन करते हुए 12 अप्रैल से विद्यालय संचालन की अनुमति देने, पिछले वर्ष बंद के कारण व्यापक क्षति होने से आर्थिक पैकेज देने की मांग प्रमुखता से की गई है। इसके अलावा कोरोना काल की बंदी के दौरान का बिजली बिल, रोड टैक्स, नगर पालिका/ परिषद टैक्स सहित अन्य करों का भुगतान सरकार से करने, शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत नामांकित विद्यार्थियों के लिए देय राशि का भुगतान तत्काल करने आदि की मांगें भी शामिल हैं। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य डॉ धनंजय कुमार ने बताया कि प्रभारी डीएम ने हमारी बातों को गंभीरतापूर्वक सुना और उचित कार्रवाई हेतु ज्ञापन को राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के पास अग्रसारित करने का आश्वासन भी दिया। अध्यक्ष, संरक्षक डॉ शंभूशरण ङ्क्षसह एवं सचिव सत्यदेव राय ने बताया कि संगठन आशावान है कि सरकार हमारी संवेदना को महसूस करेंगी और बच्चों की शिक्षा को बर्बाद होने से बचाएगी।
शांति मार्च निकालकर जताया विरोध
ओबरा में शहीद जगतपति कोचिंग संघ सह प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वावधान में सरकार के विरुद्ध शांतिपूर्ण पैदल मार्च निकाला गया। नेतृत्व शहीद जगतपति संघ के अध्यक्ष कुमार राजेश ने किया। इस दौरान प्रखंड के दर्जनों प्राइवेट स्कूल तथा चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन संघ के शिक्षक व कार्यकर्ताओं ने मुख्य बाजार होते हुए सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि बंगाल में विधानसभा का चुनाव हो रहा है लेकिन वहां मास्क या फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा। लेकिन बिहार में सरकार ने विद्यालय को कोरोना के नाम पर पूर्ण रूप से बंद कर दिया है। इसके कारण बच्चों का भविष्य अंधकार में डूबा हुआ है। पठन-पाठन पूर्ण रूप से बाधित है।
चरणबद्ध आंदोलन के लिए होंगे मजबूर
यदि सरकार की यही रवैया रहे तो निश्चित रूप से चरणबद्ध आंदोलन निजी विद्यालय के शिक्षक करने को बाध्य होंगे। शिक्षकों का एक शिष्टमंडल बीडीओ को विद्यालय खोलने से संबंधित एक आवेदन दिया है। मार्च में मौके पर संघ के उपाध्यक्ष मयंक चौबे, उपसचिव गुड्डू कुमार राय, कोषाध्यक्ष मुन्ना कुमार यादव, शिक्षक मनीष कुमार, लोकेश दुबे, निलेश कुमार, बबलू तिवारी, कुंदन कुमार, आनंद कुमार, दीपक कुमार, अमित कुमार, रवि कुमार और भीम कुमार के अलावा बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल थे।