Coronavirus: नवादा मंडल कारा के बंदी इस्तेमाल कर रहे नीम के दातून, दो घंटे पर दिया जाता है गर्म पानी
मंडल कारा नवादा में इन दिनों कोरोना से बचाव के लिए बंदी तुलसी का पत्ता व नीम का दातून इस्तेमाल कर रहे हैं। साथ ही उन्हें हर दो घंटे पर गर्म पानी दिया जा रहा है। भोजन में भी पोषण का ख्याल रखा जाता है।
वरुणेंद्र कुमार, नवादा। मंडल कारा नवादा के बंदी इन दिनों तुलसी का पत्ता और नीम के दातून का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्हें काढ़ा और गर्म पानी दिया जा रहा है। कोरोना से बचाव के हरसंभव एहतियात बरते जा रहे हैं। साथ ही पूर्व के कंलक कथा को मिटाने के लिए कारा प्रशासन ने अंदरूनी व्यवस्था को इतना सख्त कर दिया है कि बंदी बेदम हैं। अब उन्हें खैनी, बीड़ी, सिगरेट नहीं मिल रहा है। उपर से कोरोना का संक्रमण भी तेजी से फैला है। ऐसे में कारा प्रशासन की सख्ती के साथ यहां के बंदी तालमेल बैठाने लगे हैं।
दबंग कैदियों पर कसा शिकंजा तो सबकुछ आ गया पटरी पर
बता दें कि मंडल कारा में मार्च के पहले हफ्ते में प्रशासनिक छापेमारी के बाद ढेर सारे मोबाइल और आपत्तिजनक सामान मिले थे। इसके बाद यहां के कई कक्षपालों को हटा दिया गया। अधीक्षक को निलंबित कर दिया गया था। जिला प्रशासन की रिपोर्ट के बाद मुख्यालय स्तर की गई दंडात्क कार्रवाई के बाद यहां पदस्थापित हुए अधिकारी कारा के अंदर के हालात को बदलने में जुट गए थे। यहां पदस्थापित हुए काराधीक्षक अभिषेक कुमार पांडेय ने सबसे पहले वैसे करीब दो दर्जन बंदियों को दूसरे जेलों में स्थानांतरित कराया जिनपर नेतागिरी का भूत सवार होता था। उन बंदियों के जाते ही आधी समस्या खुद व खुद दूर हो गई। उसके बाद ढ़ीले-ढ़ाले कारा कर्मियों व उदंड किस्म के बंदियों पर सख्ती की गई। आलम ये कि अब कारा के अंदर सबकुछ पटरी पर है।
कोरोना फैलाव रोकने को पुख्ता इंतजाम
मंडल कारा में इन दिनों कोरोना टेस्ट के बगैर किसी नए बंदी को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। कोरोना जांच रिपोर्ट के साथ आने वाले बंदियों को भी एक सप्ताह के लिए अलग से आमद वार्ड में रखा जा रहा है। इसके अलावा पूर्व के बंदियों पर भी निगरानी रखी जा रही है। बंदियों को खान-पान से लेकर वह तमाम चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है जो कि कोरोना से जंग में सहायक बनती है।
काेरोना का फैलाव रोकने को क्विक रिस्पांस टीम
काराधीक्षक अभिषेक कुमार पांडेय ने बताया कि जेल कोरोना का संक्रमण न फैले इसके लिए क्विक रिस्पांस टीम बनाई गई है। इसमें चिकित्सक से लेकर कारा प्रशासन के अधिकारी व कर्मियों कुल 10 लोगों को शामिल किया गया है। फिलहाल आमद उन्हीं नए बंदियों की हो पा रही है, जिनके पास रैपिड एंटीजीन कीट की जांच रिपोर्ट हो। जांच रिपोर्ट रहने के बाद भी प्रवेश द्वार पर ही शरीर के तापमान की जांच कराई जा रही है। फिलहाल जेल में एक भी कोरोना संक्रमित नहीं हैं।
नए बंदियों को एक सप्ताह तक रखा जाता अलग
उन्होंने कहा कि जो भी नए बंदी आ रहे हैं उन्हे एक सप्ताह तक अलग वार्ड में रखा जा रहा है। इसके अलावा जिन किसी बंदी में लक्षण पाए जाते हैं तत्काल चिकित्सक से जांच कराई जा रही है। जरूरी दवाएं दी जा रही है। विटामिन सी व बी कंप्लेक्स भी उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्हें हर दो घंटे पर गर्म पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। जेल मैन्यूल के मुताबिक बंदियों को न्यूट्रीशियस फूड भी दिया जा रहा है। इम्यूनिट बढ़ाने के लिए तुलसी पत्ता का काढ़ा की भी सुविधा दी गई है। प्रतिदिन दो चिकित्सक अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जेल अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर सहित वह सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है जो आपात स्थिति के लिए भी जरूरी है।
वार्ड तक पहुंचाया जा रहा भोजन
कैदियों की भीड़ एक जगह इकट्ठा नहीं हो इसके लिए वार्डों में ही खाना पहुंचाया जा रहा है। भोजन के लिए एक समान नियम बना दिए गए हैं। इसके तहत सभी बंदियों का खाना सामूहिक रूप से एक ही जगह बनाता है और वार्डों तक पहुंचाया जाता है। साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह भी बंदियों को दी जा रही है।