भभुआ के भगवानपुर में धड़ल्ले से काटे जा रहे कीमती शीशम के पेड़, वन विभाग कार्रवाई तो दूर संज्ञान लेना भी उचित नहीं समझता
इसके पूर्व कसेर ओरगाव बसंतपुर गांव के समीप शीशम के पेड़ अज्ञात चोरों द्वारा काट दिए गए थे। पेड़ों की कटाई के बाद वन विभाग पर सवाल उठ रहा है कि पेड़ की रक्षा की जिम्मेदारी विभाग को सौंपी गई है। कर्मी केवल रूम में बैठकर समय पूरा करते हैं।
संवाद सूत्र, भगवानपुर: इन दिनों सोन नहर कैनाल पर लगे शीशम का पेड़ अज्ञात चोरों द्वारा रात्रि में धड़ल्ले से काटा जा रहा है। काटे गए शीशम के पेड़ को रातों-रात गंतव्य स्थान पर पहुंचा दिया जा रहा है। स्थानीय लोगों द्वारा बताया जाता है कि भगवानपुर थाना से कुछ ही दूरी पर कटे विशाल शीशम के कीमती पेड़ का कुछ भाग चोर काट कर ले भागे हैं व कुछ शेष भाग अभी स्थल पर पड़ा हुआ है। दो दिन बीत गया लेकिन वन विभाग ने अभी तक कोई कार्रवाई तो दूर संज्ञान तक नहीं लिया है।
लोगों ने बताया कि इसके पूर्व कसेर, ओरगाव, बसंतपुर गांव के समीप शीशम के पेड़ अज्ञात चोरों द्वारा काट दिए गए थे। पेड़ों की कटाई के बाद वन विभाग पर सवाल उठ रहा है कि पेड़ की रक्षा की जिम्मेदारी विभाग को सौंपी गई है। इनके कर्मी केवल रूम में बैठकर समय पूरा करते हैं। अपने कर्तव्य का पालन नहीं कर रहे हैं। तभी तो इतनी तेजी से पेड़ों की कटाई हो रही है।
पेड़ों की कटाई होने से पर्यावरण संकट बढ़ते जा रहा है। बताया जाता है कि देश में पर्यावरण का संकट काफी हद तक बढ़ चुका है। जिसको बचाने के लिए सरकार वन विभाग व मनरेगा के तहत प्रत्येक वर्ष लाखों पौधे लगाने की योजना है। लाखों पौधे लगाए जाते हैं। लेकिन लगाए गए पौधे कम बच पाते हैं। क्योंकि विभाग अपना कार्य ठीक से नहीं करता है।