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इस स्कूल में प्रार्थना की घंटी ही पौने ग्यारह बजे बजती है

फोटो 38 39 --------- ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड ------- बुमुआर प्लस टू उच विद्यालय में नामाकित 1454 विद्यार्थियों में महज 74 ही उपस्थित ------- -अधिकतर विद्यार्थियों के पास किताबें नहीं सिर्फ कॉपी लेकर आते विद्यालय -एक शिक्षक मई 2019 से बिना सूचना विद्यालय से अनुपस्थित ----------- -1963 में विद्यालय की हुई थी स्थापना -12 शिक्षकों में से दस थे उपस्थित -------- संवाद सूत्र मोहनपुर

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 08:48 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 08:48 PM (IST)
इस स्कूल में प्रार्थना की घंटी 
ही पौने ग्यारह बजे बजती है
इस स्कूल में प्रार्थना की घंटी ही पौने ग्यारह बजे बजती है

गया । साल बीतने को है और इस स्कूल के अधिकतर विद्यार्थियों के पास किताबें नहीं हैं। वे सिर्फ कॉपी लेकर आते हैं। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, बिहार के मुख्यमंत्री के नाम तो दूर इन्हें तो विषयों की भी जानकारी नहीं है। हो भी कैसे इस स्कूल में प्रार्थना की घंटी ही पौने ग्यारह बजे बजती है यानि सवा घंटे देरी से। सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह है कि नामाकित 1454 विद्यार्थियों में महज 74 ही उपस्थित थे। इन्हीं सब कारणों से राज्य और केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं के बाद भी शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ नहीं हो रही है।

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दैनिक जागरण के ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड अभियान के तहत हमने मोहनपुर प्रखंड के बुमुआर प्लस टू उच्च विद्यालय का जायजा लिया। इस दौरान बच्चों से सीधे सवाल किए पर एक दो को छोड़कर अधिकतर बच्चे मौन रहे।

वर्ष 1963 स्थापित इस विद्यालय में पहुंचे तो 10:30 बज रहा था। शिक्षक बाहर में कुर्सी लगाकर बैठे हुए थे। विद्यार्थी दौड़ते हुए पहुंच रहे थे। दस मिनट बाद प्रार्थना की घटी लगी और प्रार्थना हुआ। उसके बाद विद्यार्थी कक्षा में चले गए। उसके बाद शिक्षक के साथ हम भी एक कक्षा में गए और कुछ सवाल किया पर जवाब नहीं मिला। हालांकि, एक विद्यार्थी ने शिक्षा मंत्री का नाम बताया। हमारे सवाल करने पर जवाब देने में शिक्षक ने भी विद्यार्थियों की मदद की, बावजूद इसके सही जवाब नहीं मिल पाया। मैट्रिक परीक्षा की तिथि घोषित हो चुकी है। ऐसे में हमने दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों की भी स्थिति जाननी चाही। कक्षा में भूगोल, इतिहास, गणित और अंग्रेजी के पाठ से कुछ सवाल किए, लेकिन एक का जवाब नहीं मिल पाया। उसके बाद 11वीं कक्षा में पहुंचे तो 15 विद्यार्थी उपस्थित थे। यहां भी सवाल-जवाब में निराशाजनक ही स्थिति मिली। 12वीं कक्षा में एक भी विद्यार्थी नहीं आए थे।

शिक्षक अनिल कुमार कहते हैं, विद्यालय में उपस्थिति कम होने का मुख्य कारण धन कटनी चलना भी है। आज विद्यालय में सबसे कम उपस्थिति थी। इंटर मं रजिस्ट्रेशन होने के कारण बच्चे कम आ रहे हैं।

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इन विषयों के शिक्षक नहीं

उच्च विद्यालय में अंग्रेजी, संस्कृत कंप्यूटर, कला के शिक्षक नहीं हैं। इसके कारण उक्त विषयों की पढ़ाई नहीं होती है।

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एक शिक्षक दो साल

से गए हैं प्रशिक्षण में

विद्यालय में कुल 12 शिक्षक हैं, जिनमें दस उपस्थित थे। प्रधानाध्यापक सह प्रभारी बताते हैं, एक शिक्षक रामजतन यादव मई 2019 से बिना सूचना विद्यालय से अनुपस्थित हैं। 11 और 12वीं कक्षा में मात्र दो ही शिक्षक हैं। एक शिक्षक दो साल से प्रशिक्षण में हैं। वहीं, बच्चे की उपस्थिति भी कम रहती है।

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कक्षा नामांकित उपस्थिति

नौवीं - 503 -33

दसवीं-638-26

11वीं -169-15

12वीं -144- कोई नहीं

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समय पर नहीं आते विद्यार्थी

शिक्षक बताते हैं, विद्यार्थी समय से नहीं आते हैं। इसके कारण समय पर कक्षा नहीं लग पाती हैं। हमारे अथक प्रयास के बाद भी विद्यार्थी 10:30 बजे से पहले नहीं आते हैं। इससे काफी दिक्कत होती है।

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शौचालय और पेयजल

की समुचित व्यवस्था

शौचालय और पेयजल की समुचित व्यवस्था है। छात्र-छात्राओं को किसी तरह की परेशानी नहीं होती है। विद्यालय में चारदीवारी भी बनाई गई है। एक पुस्तकालय भी है, जहा से बच्चे किताब लेकर भी पढ़ाई करते हैं।

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प्रस्तुति : रामानंद सिंह

मोबाइल नंबर : 8210969550

ईमेल :


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