शहर के प्रवेशद्वार व घाटों को ऐतिहासिक स्वरूप देने की कवायद
गया। गया की धार्मिक, ऐतिहासिक और पौराणिक महत्ता को बचाने की दिशा में एक प्रयास शुरू किया जा रहा ह
गया। गया की धार्मिक, ऐतिहासिक और पौराणिक महत्ता को बचाने की दिशा में एक प्रयास शुरू किया जा रहा है।
यहां के घाटों और शहर के प्रवेशद्वार को यहां के ऐतिहासिक स्वरूप के अनुरूप सजाने की दिशा में आर्किटेक्ट इसी तरह कर डिजाइनिंग करेंगे। घाट और प्रवेशद्वार की डिजाइन बनाने के लिए युवा आर्किटेक्ट 24 फरवरी को ड्राइंग प्रतियोगिता में भाग लेंगे। यह कटारी हिल सेरोमानिया में होगी। हैप्पी एंड एसोसिएट्स के आर्किटेक्ट प्रशांत सिन्हा, घराना एसोसिएट्स के मनीष कुमार, सिन्हा एंड सिन्हा एसोसिएट्स के विनय कुमार सिन्हा, संतोष कुमार सिन्हा, सुनील कुमार शर्मा, सुशील सिन्हा ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता में बताया कि शहर की एक परिकल्पना की गई है। 24 फरवरी को एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, पटना), बीआईटी (बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान रांची), आरकेडीएफ भोपाल, एमिटी लखनऊ सहित प्रतिष्ठित संस्थानों से आर्किटेक्ट आएंगे। प्रतियोगिता में केंदूई घाट के सुंदरीकरण और शहर के भव्य प्रवेश द्वार पर डिजाइनिंग की जाएगी। घाट पर छठ को लेकर स्थानीय कुंड, उद्यान, वाटिकाएं, खानपान स्थल, प्रसाधन जैसी सुविधाएं हों, जहां लोग परिवार के साथ रमणीक स्थल का आनंद ले सकते हैं। सफल छात्रों को पुरस्कृत किया जाएगा।