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गयाः परेशानी में डाल सकता है वैक्सीन लेने के बाद इंटरनेट मीडिया पर सर्टिफिकेट पोस्ट करना, जानें कैसे

वैक्सीन लेने के बाद टीकाकरण केंद्र पर एक प्रमाणपत्र दिया जाता है। टीका लगवाने के बाद केंद्र से इस प्रमाणपत्र को अवश्य प्राप्त करना चाहिए। लेकिन इस सर्टिफिकेट को इंटरनेट मीडिया पर साझा करने से बचें। साइबर अपराधी इस सर्टिफिकेट का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 26 Jun 2021 11:21 AM (IST)Updated: Sat, 26 Jun 2021 09:27 PM (IST)
गयाः परेशानी में डाल सकता है वैक्सीन लेने के बाद इंटरनेट मीडिया पर सर्टिफिकेट पोस्ट करना, जानें कैसे
कोरोना वैक्सीन लेने के बाद सर्टिफिकेट इंटरनेट मीडिया पर डालना महंगा पड़ सकता है। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, गया : कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण हो रहा है। वैक्सीन लेने के बाद टीकाकरण केंद्र पर एक प्रमाणपत्र दिया जाता है। टीका लगवाने के बाद केंद्र से इस प्रमाणपत्र को अवश्य प्राप्त करना चाहिए। लेकिन इस सर्टिफिकेट को इंटरनेट मीडिया पर साझा करने से बचें। साइबर अपराधी इस सर्टिफिकेट का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। प्रेस इंफार्मेशन ब्यूरो ने भी सचेत किया  है। 

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धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल की जा सकती है आपकी जानकारी

प्रेस इंफार्मेशन ब्यूरो ने कहा है कि कोविड टीकाकरण अवश्य कराएं। दूसरे लोगों को टीका लगवाने के लिए जरूर प्रेरित करें, लेकिन सर्टिफिकेट को इंटरनेट मीडिया पर डालने से परहेज करें। वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में आपका नाम, उम्र और लिंग का जिक्र रहता है। साथ ही अगली डोज कब लगनी है, इस बारे में भी लिखा रहता है। फोन नंबर, आधार नंबर भी कुछ हद तक रहता है। साइबर अपराधियों द्वारा इन जानकारियों का इस्तेमाल जालसाजी व धोखाधड़ी के लिए किया जा सकता है। 

ऐसे में सतर्क रहना चाहिए

वैक्सीन पंजीकरण के बहाने व्यक्तिगत जानकारियां देने ओर धोखाधड़ी व जालसाजी के कई मामले सामने आ चुके हैं। साइबर अपराधियों द्वारा पंजीकरण के नाम पर आधार नंबर, बैंक खाता और बीमा पालिसी जैसी महत्वपूर्ण व्यक्तिगत जानकारियों की मांग की जाती है। ऐसे में सतर्क रहना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग के लोग कोविड पंजीकरण व टीकाकरण के लिए इस तरह से फोन नहीं करते हैं।

फोन व ईमेल पर नहीं दें व्यक्तिगत जानकारी

वैक्सीन पंजीकरण के बहाने व्यक्तिगत जानकारियां देने ओर धोखाधड़ी व जालसाजी के कई मामले सामने आ चुके है। साइबर अपराधियों द्वारा पंजीकरण के नाम पर आधार नंबर, बैंक खाता और बीमा पॉलिसी जैसी महत्वपूर्ण व्यक्तिगत जानकारियों की मांग की जाती है। ऐसे में हर किसी को सतर्क रहना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग के लोग कोविड पंजीकरण व टीकाकरण के लिए इस तरह से फोन नहीं करते हैं। 

इन बातों का भी रखें ध्यान:

- कोविड 19 से संबंधित लिंक को खोलने से बचें

- वैक्सीन खत्म होने व जल्द टीकाकरण के झांसे में नहीं आएं

-  संदेहास्पद फोन आने पर साइबर सेल को जानकारी दें 


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