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सासाराम सदर अस्‍पताल में वेंटिलेटर बेकाम, चालू कराने के लिए राज्‍य स्‍वास्‍‍थ्‍य समिति से लगाई गुहार

सदर अस्पताल में छह माह पूर्व पीएम केयर फंड से दस वेंटिलेटर दिए गए थे। लेकिन इन्‍हें चलाने के लिए टेक्नीशियन नहीं हैं। इसके लिए जिला प्रशासन ने आवेदन मांगा है। पांच दिन पूर्व राज्य स्वास्थ्य समिति से लगाई थी गुहार।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Fri, 30 Apr 2021 10:07 AM (IST)Updated: Fri, 30 Apr 2021 10:07 AM (IST)
सासाराम सदर अस्‍पताल में वेंटिलेटर बेकाम, चालू कराने के लिए राज्‍य स्‍वास्‍‍थ्‍य समिति से लगाई गुहार
सासाराम सदर अस्‍पताल में कब चालू होगा वेंटिलेंटर। फाइल फोटो
सासाराम (रोहतास), जागरण संवाददाता। महामारी कोरोना की दूसरे लहर ने मरीजों की संख्या बढ़ा दी है। सांस लेने की शिकायत व कम हो रहे ऑक्सीजन लेवल के कारण कई मरीज दम तोड़ दे रहे हैं। ऐसे में बेहतर चिकित्सा सेवा के लिए वेंटिलेटरों का महत्व बढ़ गया है। जिला स्तर पर सदर अस्पताल में बनाए गए डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर में वेंटिलेटर व आइसीयू की सुविधा नहीं रहने से चिकित्सक गंभीर मरीजों को पटना रेफर कर रहे हैं।
छह माह पूर्व मिले थे 10 वेंटिलेटर  
जिला अस्पताल को छह माह पूर्व पीएम केयर फंड से मिले 10 वेंटिलेटर बेकार पड़े हैं । बीते 15 दिनों से स्वास्थ्य विभाग विशेषज्ञ चिकित्सकों व वेंटिलेटर चलाने में दक्ष कर्मियों की तैनाती के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति से लगातार संपर्क  कर रहा है। बावजूद कर्मियों की तैनाती नहीं हो सकी है। 
मानव संसाधन के अभाव में नहीं मिल पा रही सुविधाएं 
डीएम धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि कोविड महामारी में गंभीर मरीजों के लिए आइसीयू व वेंटिलेटर अति आवश्यक है। मानव संसाधन के अभाव में ये दोनों सुविधाएं सदर अस्पताल में उपलब्ध रहने के बावजूद उसकी सेवा लोगों को नहीं मिल पा रही है। ऐसे में जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से तीन मुर्छक व चार ईसीजी-आइसीयू टेक्नीशियन की तैनाती अस्थाई रूप से तीन माह के लिए की जा रही है।
मुर्छक को दिए जाएंगे 1.20 लाख रुपये प्रतिमाह 
मुर्छक को एक लाख 20 हजार रुपये प्रति माह व टेक्नीशियन को 20 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि छह मई को साक्षात्कार के बाद शीघ्र नियोजन कर कार्य शुरू करा दिया जाएगा। ज्ञातव्य हो कि यहां से गंभीर रोगियों को एनएमसीएच रेफर किया जाता है, जहां पहुंचने में चार से पांच घंटे लग जा रहे हैं। वहां भी अत्यधिक भीड़ के कारण मरीजों की भर्ती ससमय नहीं होने से कई मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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