जीटी रोड पर उभर आए गड्ढे दे रहे हादसों को न्योता
प्रधानमंत्री चतुर्भुज सड़क योजना के तहत निर्मित जीटी रोड में कई जगहों पर गडढे उभरने से हादसों की आशंका बढ़ गई है।
नीरज कुमार मिश्र, डोभी
प्रधानमंत्री चतुर्भुज सड़क योजना के तहत निर्मित जीटी रोड में कई जगहों गड्ढे उभरे हैं। दुर्घटना के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक बना है डोभी के ओवरब्रिज पुल और पिपरघट्टी के पास जमुने नदी पर बने पुल पर उभर आए गड्ढे और इसकी जर्जरता।
गुरुवार की एक ताजी घटना को याद करें तो गड्ढे की वजह से तेज रफ्तार से आ रही एक ट्रक हवा में तैरने के माफिक डिवाइडर के पास अटक गई। शेरघाटी की ओर से तेज रफ्तार से आ रही ट्रक के चालक को अचानक सड़क पर उभर आए गड्ढे पर नजर पड़ी तो सहसा ही उसने ब्रेक लगा दी और असंतुलित होकर डिवाइडर के पास अटक गया। इस घटना को देखने वाले कह रहे थे कि ये तो शुक्र रहा कि बड़ी दुर्घटना नहीं हुई। अन्यथा ट्रक पुल से नीचे करीब पचास फीट गड्ढे में गिर जाता। इसके बाद ट्रक का चालक और सह चालक भाग निकला।
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महीनों से जर्जर है सड़क
करीब एक साल से इस जगह पर गड्ढे उभरे हैं। इन जगहों के अलावा जीटी रोड पर लालू आहर पुल, डोभी निलाजन नहर पुल, पिपरघट्टी के पास सड़क जर्जर है। कई जगहों पर तो सड़क में दरारें आ चुकी हैं। इसकी वजह से अक्सर सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। आंकड़ों बताते हैं, छह महीने में करीब एक दर्जन दुर्घटनाएं हुई, जिसमें आधा दर्जन लोगों की जान चली गई।
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ओवरब्रिज के पास
धंस गई है सड़क
ओवरब्रिज के पास करीब एक फीट सड़क धंस गई है। इसकी वजह समय समय पर मेंटनेंस नहीं होना और भारी वाहनों का गुजरना कहा जा सकता है। ओवरब्रिज के पास बना डिवाइडर धंस जाने के बाद वाहनों के अलावा आम लोगों का आना-जाना जारी है। डिवाइडर नहीं रहने से अक्सर सड़क और वाहन दुर्घटना होती है।
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दुर्घटना वाले क्षेत्र में
नहीं लगे संकेतक
सड़कों पर रेडियम लगने से दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है। दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में संकेतक नहीं होने से चालकों को जोखिम के बीच जीटी रोड पर चलना पड़ता है।