रजौली को जिला बनाने के लिए लोगों ने बनाई संघर्ष समिति, अजय शंकर को बनाया गया पहला अध्यक्ष
नवगठित जिला संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने कहा कि रजौली को अनुमंडल बने 30 वर्ष बीत गए। बावजूद अब तक रजौली को जिला नहीं बनाया गया। जबकि जिला बनाने की सभी आवश्यक शर्तों को रजौली पूरा कर रहा है।
संवाद सहयोगी, रजौली (नवादा)। रविवार की देर शाम रजौली के बभनटोली मोहल्ले में नीरज कुमार के आवास पर रजौली के गणमान्य लोगों की बैठक हुई। आयोजित बैठक में रजौली को जिला बनाने को लेकर सभी मुद्दों पर चर्चा की गई। जिसके बाद जिला निर्माण संघर्ष समिति का गठन किया गया। समिति का अध्यक्ष अजय शंकर शरण को बनाया गया। वहीं नए सचिव के रूप में नीरज कुमार, कोषाध्यक्ष विनय कुमार सिंह, उपाध्यक्ष सफीर उद्दीन और मनोज कुमार को बनाया गया।
जिला संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने कहा कि रजौली को अनुमंडल बने 30 वर्ष बीत गए। बावजूद अब तक रजौली को जिला नहीं बनाया गया। जबकि जिला बनाने की सभी आवश्यक शर्तों को रजौली पूरा कर रहा है। उन्होंने कहा कि लोग इस संगठन के माध्यम से डीएम व एसडीओ को ज्ञापन देकर रजौली को जिला बनाने का प्रयास शुरू कर दिए हैं। इस समिति का विस्तार रजौली अनुमंडल के सभी प्रखंडों में किया जाएगा। उसके बाद पंचायत स्तर से लेकर गांव स्तर तक के लोगों को जिला संघर्ष समिति से जोड़ा जाएगा ताकि इस संगठन का और विस्तार हो। साथ ही रजौली अनुमंडल को जिला बनाने के लिए लोगों का जोरदार प्रयास हो।
उन्होंने कहा कि वे लोग जिला प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक को ज्ञापन देकर संज्ञान में लाएंगे कि अब रजौली को जिला बनाया जाए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि रजौली अनुमंडल से छोटा शेखपुरा, जमुई, शिवहर और अरवल जिला है। इन सभी जिलों में चार से पांच प्रखंड है। इसके बाद भी इन्हें जिला का दर्जा मिला हुआ है। जबकि रजौली अनुमंडल में 7 प्रखंड है। बावजूद रजौली आज तक जिला नहीं बन सका। मुद्दे पर विचार-विमर्श के बाद जिला संघर्ष समिति के सदस्यों ने एसडीओ चंद्रशेखर आजाद से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। बैठक में रंजन कुमार बबलू, बंटी सिंह, गगन सिंह समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।