लचर सिस्टम से लोग परेशान, सालभर बाद भी कोरोना से मृत लोगों के स्वजनों को नहीं मिली मुआवजा राशि
एक को छोड़ सभी सात मृतकों की आश्रितों को मुआवजा राशि देने के लिए कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद डीसीएलआर ऑफिस को जनवरी माह में ही रिपोर्ट भेज दिया गया है। बावजूद अबतक मुआवजा राशि नहीं मिल पाई है।
संवाद सूत्र, करगहर (सासाराम)। गत वर्ष कोरोना महामारी की चपेट में आने से एक महिला समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। सारी कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद भी मृतक के परिजनों को मुआवजा राशि नहीं मिल पाई है। सूरजेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव ने बताया कि प्रत्येक मृतक के परिवार को चार लाख रूपया सरकारी मुआवजा देने का प्रावधान है।
उन्होंने बताया कि एक को छोड़ सभी सात मृतकों की आश्रितों को मुआवजा राशि देने के लिए कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद डीसीएलआर ऑफिस को जनवरी माह में ही रिपोर्ट भेज दिया गया है। बावजूद अबतक मुआवजा राशि नहीं मिल पाई है। गत वर्ष कोरोना महामारी की चपेट में आने से 17 जुलाई 2020 को धनेज निवासी स्व राम नाथ सेठ की पत्नी शांति कुंवर, 19 जुलाई को बिलारी निवासी शिव शंकर सिंह, 23 जुलाई को बभन बरेहटा निवासी सुरेमन नट के पुत्र हनुमान नट, 27 जुलाई को बहेरी निवासी शिवपूजन पाठक, 3 अगस्त को मथुरा पुर निवासी मुक्तिनाथ दुबे के पुत्र अरुण दुबे, 6 सितंबर को झलखोरा निवासी विंध्याचल सिंह के पुत्र रामजी सिंह, 26 सितंबर को बड़की खरारी निवासी वीरेंद्र प्रसाद लाल एवं नवंबर 2020 को कोरोना महामारी की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
सूत्र बताते हैं कि डीसीएलआर ऑफिस से भी जिला आपदा प्रबंधन विभाग को राशि देने के लिए रिपोर्ट भेज दिया गया है। बावजूद मुआवजा राशि नहीं मिलने से परिजन परेशान हैं। सीओ ने बताया कि हनुमान नट का सदर अस्पताल में कोरोना से मौत होने संबंधी कागजात उपलब्ध न होने के कारण मुआवजा की कागजी प्रक्रिया अधूरी है। सिविल सर्जन ने बताया कि मृतक के परिजन या अंचल से लिखित आवेदन पर सारे कागजात उपलब्ध करा दिए जाएंगे।