Pappu Yadav की रिहाई नहीं होने से बहुत नाराज हैं औरंगाबाद के लोग, देखिए CM पर फिर किस तरह उतारा गुस्सा
जाप सुप्रीमो पप्पू यादव की अब तक रिहाई नहीं होने के कारण प्रदेश के विभिन्न जिलों से रोष प्रकट करने की तस्वीरें आई हैं। इसी कड़ी में औरंगाबाद के दाउदनगर में लोगों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला फूंक रिहाई की मांग की।
संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद)। जन अधिकार पार्टी (JAP) लोकतांत्रिक के सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुजीत कुमार उर्फ चुन्नू यादव के नेतृत्व में बुधवार की रात अनुमंडल मुख्यालय में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का पुतला फूंक डाला। जाप नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने नीतीश कुमार मुर्दाबाद, पप्पू यादव को रिहा करो, जैसे नारे लगाए।
जाप नेता सुजीत कुमार और चुन्नू यादव ने कहा कि चोरों की पोल खोलने वाले पप्पू यादव को सरकार ने अपनी नाकामी छुपाने के लिए जेल भेज दिया। जब सारे नेता अपने घर से बाहर नहीं निकले, चाहे वह चमकी बुखार का मामला हो या बाढ़ की स्थिति हो या कोरोना का संकट हो। कभी कोई नेता अपने घर से बाहर नहीं निकलता और पप्पू यादव बाहर आकर लोगों की जान बचाने से लेकर उनको राहत पहुंचाने और मदद करने तक सक्रिय है। इसलिए पप्पू यादव को बिहार सरकार ने जेल भेज दिया।
यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय है कि बहुत संगीन मामला हो, बहुत गंभीर स्थिति हो तभी किसी व्यक्ति को जेल भेजना है, इसके बावजूद सरकार ने पप्पू यादव को जेल में डाल दिया। गांव गांव से आवाज आने लगी है कि पप्पू यादव के साथ अन्याय हुआ है। चुन्नू सिंह ने कहा कि सरकार नाकामी छुपाने का प्रयास कर रही है। अपना चेहरा छुपाने के लिए लोगों की मदद करने वाले को जेल में डाल दिया। पप्पू यादव लोगों के बीच पहुंच रहे थे, ऑक्सीजन, दवा, बेड दिलवा रहे थे।
ऐसे व्यक्ति को इस तरह जेल में डालना उचित नहीं है। जन अधिकार पार्टी लगातार आंदोलन करते रहेगी। पुतला दहन कार्यक्रम में जाप के कार्यकर्ता अमित कुमार सरपंच, सोनू कुमार, धर्मेंद्र कुमार, मनीष कुमार, धीरज कुमार, दीपक कुमार, बिट्टू कुमार शामिल रहे।
मालूम हो कि कोरोनाकाल में एंबुलेंस को लेकर भारी मारामारी चल रही थी। तभी पप्पू यादव दलबल के साथ सारण स्थित बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूढ़ी के गढ़ में पहुंच गए थे। उन्होंने एमपी फंड से खरीदी गई दर्जनों एंबुलेंस को कबाड़ के रूप में दिखाया था। इसके कुछ ही दिन बाद पप्पू यादव को मधेपुरा के 32 साल पुराने मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इससे पहले उन्हें पटना के गांधी मैदान थाने में नौ घंटे तक बिठाया गया था।