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कोविड-19 की जांच कराने के लिए पहुंचे लोगों को अब ओटीपी का झंझट, नई गाइडलाइन बनी मुसीबत

कोरोना संकट की मुश्किलों के बीच अब कोविड-19 की जांच कराने में एक नई मुश्किल सामने आ गई है। यह मुश्किल मोबाइल और ओटीपी को लेकर है। 5 मार्च से सरकार के नए गाइडलाइन के अनुसार कोविड-19 की जांच कराने पहुंचे लोगों के पास मोबाइल होना जरूरी है।

By Edited By: Published: Sun, 07 Mar 2021 09:39 AM (IST)Updated: Sun, 07 Mar 2021 10:26 AM (IST)
कोविड-19 की जांच कराने के लिए पहुंचे लोगों को अब ओटीपी का झंझट, नई गाइडलाइन बनी मुसीबत
कोरोना जांच के लिए पहुंचीं महिलाएं। जागरण

जागरण संवाददाता, गया। कोरोना संकट की मुश्किलों के बीच अब कोविड-19 की जांच कराने में एक नई मुश्किल सामने आ गई है। यह मुश्किल मोबाइल और ओटीपी(वन टाइम पासवर्ड) को लेकर है। 5 मार्च से सरकार के नए गाइडलाइन के अनुसार कोविड-19 की जांच कराने पहुंचे लोगों के पास मोबाइल होना जरूरी है। जांच प्रक्रिया के दौरान मरीज का निबंधन कराना होता है। इस निबंधन में मरीज के मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी नंबर का उल्लेख करना जरूरी किया गया है। इससे उन मरीजों को सबसे अधिक दिक्कत हो रही है जिनके पास मोबाइल नहीं होता। या फिर मोबाइल है भी तो ओटीपी निकालना या मैसेज निकालने नहीं आता। सबसे अधिक परेशानी उस स्थिति में हो जाती है जब ऑपरेटर की तरफ ओटीपी मरीज के मोबाइल पर भेजा जाता है लेकिन वह समय से मोबाइल के मैसेज बॉक्स में पहुंच नहीं पाता। बहरहाल, बीते दो दिनों में कोविड-19 जांच केंद्रों पर इस नई समस्या ने विभाग और जांच कराने पहुंचे लोग दोनों को परेशान कर रखा है। बुजुर्ग, ऑपरेशन के मरीज, गर्भवती सबसे अधिक परेशानी में हैं।

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फोन करके ओटीपी नंबर मांगना टेढ़ी खीर, फ्रॉड समझ गाली-गलौज की स्थिति

आरटीपीसीआर से जांच के लिए सैंपल लिए जाते हैं। करीब चार दिन पहले अलग-अलग इलाकों से एकत्र किए गए सैंपल की पोर्टल पर इंट्री करनी है। नए गाइडलाइन के अनुसार ओटीपी नंबर जरूरी है। पोर्टल इंट्री की जवाबदेही संभाल रहे कर्मी की मानें तो फोन करके मरीज से जब ओटीपी मांगा जा रहा तो कोई फ्रॉड न हो जाए इसलिए ओटीपी नहीं दे रहे। बात भी सही है। इन दिनों वैसे ही साइबर क्राइम वाले गड़बड़ कर लोगों का बैंक का रुपया चपत लगा रहे। कुल मिलाकर यहां भी ओटीपी ने मुश्किलें बढ़ा रखी है।

आरटीपीसीआर जांच का आंकढ़ा नीचे लुढ़का -मोबाइल पर ओटीपी की समस्या ने आरटीपीसीआर जांच के दायरे को एक तरह से ग्रहण लगा दिया है। जिले में हर रोज 900 आरटीपीसीआर जांच का लक्ष्य है। इसके लिए जिला से हर रोज चार प्रखंड से 200-200 सैंपल आता है। जबकि जेपीएन से 100 सैंपल आता है। हर रोज मेडिकल अस्पताल को 900 सैंपल जांच के लिए भेजना है। लेकिन विगत दो दिनों से आंकड़ा रोज गिर रहा है। बमुश्किल 100 से 200 जांच ही हो पा रहा है। स्थिति यही रही तो और प्रभावित होगा।


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