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लोगों की भागीदारी से बदल रही सरेबा गाव की तस्वीर

-जनप्रतिनिधियों से मिली निराशा तो क्लब का गठन कर चल पड़े विकास की राह पर आसपास के गांवों के लिए मिसाल ------------ दरकार -पिछले कुछ वर्षो में बहुत कुछ किया और अभी बहुत कुछ करने की जरूरत -सरकारी स्तर पर खाद्यान्न खरीदने की कोई व्यवस्था नहीं ------- -08 किलोमीटर दूर प्रखंड मुख्यालय से स्थित है गाव -10 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है अनाज बेचने -09 किलोमीटर दूर इलाज को जाना पड़ता है गुरारू बाजार ------------ संवाद सूत्र गुरारू

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Aug 2019 07:47 PM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 07:47 PM (IST)
लोगों की भागीदारी से बदल रही सरेबा गाव की तस्वीर
लोगों की भागीदारी से बदल रही सरेबा गाव की तस्वीर

गया । इस गांव ने अपनी पहचान खुद बनाई। आसपास के गांवों के लिए मिसाल है। अलग पहचान इसलिए क्योंकि यहां के ग्रामीणों ने गांव के विकास के लिए एक क्लब का गठन किया। और फिर बदलने लगी तस्वीर। पिछले कुछ वर्षो में बहुत कुछ किया और अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है। जिन गावों में ऐसा सामुदायिक भागीदारी देखने को मिलती है, वे तेजी से तरक्की करते हैं।

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हम आज बात कर रहे हैं गुरारू प्रखंड के सरेबा गाव की। सरकार योजनाओं के साथ ही क्लब बनाकर गाव को विकसित करने में ग्रामीण जुटे हैं। हालांकि गांव के लोगों को मलाल है कि जनप्रतिनिधियों और सरकार ने गांव के विकास के लिए कुछ खास नहीं किया। प्रखंड मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर स्थित सरेबा गाव को ग्रामीण किस तरह अपने बूते स्मार्ट बनाने में जुटे हैं यह वहां पहुंचने पर साफ -साफ दिखता है।

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सिंचाई के लिए पानी नहीं

गाव में अधिकाश लोग किसान हैं। गाव के पूरब से होकर गुजरी वषरें पुरानी लोअर मोरहर नहर में कभी पानी नहीं आता। इससे खेती करने में पटवन के लिए पानी की किल्लत लोगों को झेलनी पर रही है।

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उचित मेहनताना नहीं

यहा सरकारी स्तर पर खाद्यान्न खरीदने की कोई व्यवस्था नहीं है। इस कारण किसानों को धान, गेहूं, चावल आदि बेचने पर उचित मूल्य नहीं मिलते हैं। इन्हें अपना अनाज बेचने के लिए गाव से करीब आठ से 10 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।

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स्वास्थ्य सुविधा का घोर अभाव

गाव में उप स्वास्थ्य केंद्र तो है पर वहा सिर्फ बच्चों का टीकाकरण ही होता है। छोटी से गंभीर बीमारियों तक के इलाज के लिए यहा के लोगों को करीब सात किलोमीटर दूर मथुरापुर बाजार या फिर नौ किलोमीटर दूर गुरारू बाजार जाना पड़ता है।

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बैंकिंग सुविधा से भी वंचित

आर्थिक युग में इस गाव के लोगों को बैंकिंग की सुविधा भी यहा से छह से आठ किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद ही मिल पाती है। गाव में न तो एटीएम मशीन लगाई गई है और न ही किसी बैंक का ग्राहक सेवा केंद्र ही यहा संचालित है। नतीजतन बुजुर्गो को भी लंबी दूरी तय कर और भीड़भाड़ में घटों खड़ा रहकर बैंक से पैसा निकालने को जाना पड़ता है।

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सामुदायिक भवन जर्जर

गाव का एकमात्र सामुदायिक भवन आज तक अधूरा है, जबकि अब यह भवन पूरी तरह जर्जर भी हो चुका है। ऐसे में लोगों को कभी जरूरत पड़ती है तो काफी परेशानी होती है।

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गाव का इतिहास

बुजुर्ग बताते हैं, जयपुर राजघराने से ताल्लुक रखने वाले दिलीप सिंह ने इस गाव को बसाया था। आज भी गाव में प्राचीन गढ़ का अवशेष बचा है। उस गढ़ से निकली काले पत्थरों की प्राचीन मूर्तिया इस गाव की प्राचीन सभ्यता से जुड़े होने का प्रमाण देती है। उन मूर्तियों में भगवान बुद्ध की भी एक मूर्ति शामिल है, जिस पर ब्राह्माी लिपि में कुछ लिखा हुआ है। गाव में स्थापित सूर्य मंदिर 1504 ई. का है। गाव के चारों ओर एक-एक तालाब भी प्राचीन समय से निर्मित है।

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गाव की खासियत .

आदर्श क्लब का गठन कर गाव को स्मार्ट और सुंदर बनाने के साथ-साथ इको फ्रेंडली बनाने में ग्रामीण जुटे हुए हैं। यह गाव पश्चिम की तरफ से स्टेट वे 69 से जुड़ा हुआ है। यहा पर कजरैला मोड़ के पास लक्ष्मीनारायण द्वार और पूरब की तरफ से स्टेट हाईवे 101 से जुड़ा हुआ है। यहा पर जगन्नाथ द्वार का निर्माण, मुस्कान बाल उद्यान के आर यात्री शेड, पूर्वी छोर पर बसे महादलित टोला विनय नगर में लोहे का प्रवेश द्वार और चिल्ड्रन पार्क, गाव के मध्य विद्यालय के बाहर लोहे का गेट, गाव की गलियों में नामकरण का बोर्ड, गाव के सूर्य मंदिर का सुंदरीकरण आदि कार्य आदर्श क्लब के तत्वाधान में ग्रामीणों ने जनभागीदारी से किया गया है ।

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विगत चार वर्षो से आदर्श क्लब के तत्वावधान में सरेबा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। अब जनप्रतिनिधियों के व्यापक सहयोग की आवश्यकता है। बैंक, पोस्टऑफिस, धान व गेहूं क्रय केंद्र, उत्तरी कोयल नहर, कृषि पर आधारित कुटिर उद्योग लगाने आदि की सुविधाएं गाव में उपलब्ध नहीं है। आधुनिक युग में इनकी अत्यंत आवश्यकता है।

इंजीनियर जयेंद्र सिंह, कोऑर्डिनेटर, आदर्श क्लब, सरेबा

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सरेबा गाव में एक सामुदायिक भवन, वार्ड नंबर सात में आगनबाड़ी केंद्र व वार्ड नंबर आठ में एक मिनी आगनबाड़ी केंद्र की आवश्यकता है। सरकार से मेरी यह माग है कि इन भवनों का निर्माण कर गाव के विकास में नया आयाम प्रदान करें।

सुनील कुमार, कोषाध्यक्ष, आदर्श क्लब

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सरेबा में एक सार्वजनिक पुस्तकालय भवन की नितात आवश्यकता है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि से माग है कि पुस्तकालय भवन का निर्माण कराएं ताकि ग्रामीणों तक देश की कला और संस्कृति से जुड़ी पुस्तकों की पहुंच हो सके।

-अमर देव सिंह, अध्यक्ष, आदर्श क्लब

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आशीष कुमार

मोबाइल नंबर : 9097779575


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