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पप्पू यादव बोले- कोरोना के नाम पर देश में हो रहा है घोटाला, संक्रमण के टाइमिंग पर भी उठाए सवाल

बिहार में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच औरंगाबाद में जन अधिकारी पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने कहा है कि कोरोना के नाम पर घोटोला हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने बिहार में लागू शराबबंदी को लेकर भी कई सवाल खड़े किए।

By Rahul KumarEdited By: Published: Thu, 13 Jan 2022 12:05 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jan 2022 12:05 PM (IST)
पप्पू यादव बोले- कोरोना के नाम पर देश में हो रहा है घोटाला, संक्रमण के टाइमिंग पर भी उठाए सवाल
पूर्व सांसद व जाप प्रमुख पप्पू यादव। जागरण आर्काइव

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) । जन अधिकारी पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने एक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। जिले के दाउदनगर-पटना रोड पर बुधवार को सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना के नाम पर देश में घोटाला किया जाता है। संक्रमण फैलाने वाली बीमारियों की तरह ही कोरोना भी अब जीवन का हिस्सा बन गया है लेकिन यह दिसंबर-जनवरी-फरवरी में ही क्यों बढ़ता है और जून-जुलाई आते-आते खत्म क्यों हो जाता है। इसके साथा ही जाप प्रमुख ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी हमला किया। 

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समाज सुधार अभियान पर उठाए सवाल

पप्पू यादव ने कहा कि सरकार के समाज सुधार अभियान का कोई मतलब नहीं है। जब तक लोगों को आर्थिक आजादी नहीं मिलती, मानसिक मजबूती नहीं मिलेगी। समाज से गरीबी को मिटाना होगा। जब तक शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर व्यक्ति सशक्त नहीं होता, तब तक विश्व के सबसे गरीब प्रदेश बिहार में समाज सुधार अभियान का कोई मतलब नहीं है। बिहार में शराबबंदी के नियम, कानून फेल हैं। कहा जाता है कि महात्मा गांधी के पद चिन्हों पर चला जा रहा है तो क्या महात्मा गांधी गुजरात के नहीं थे। शराबबंदी को लेकर गुजरात माडल लागू किया जाना चाहिए। यहां तो हर जगह शराब मिलती है।

शराबबंदी कानून में हैं कई खामियां- पप्पू

लोकतंत्र के चारों खंभे में कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां लोग शराब का सेवन नहीं करते। इक्का-दुक्का छोड़ दें तो अधिकतर लोग शराब का सेवन करते हैं। लेकिन पकड़ा जाता है गरीब, कमजोर पीने वाला। जबकि शराब बेचने वाला तस्कर, पुलिस, पदाधिकारी, नेता नहीं पकड़े जाते हैं। पप्पू यादव ने कहा कि क्या बिहार में नेता, पदाधिकारी और न्यायपालिका में बैठे लोग शराब नहीं पीते।  शराबबंदी को लेकर बनाई गई कानून में कई विसंगतियां हैं। इसे दुरुस्त किए बिना शराबबंदी कानून बेकार है। हजारों करोड़ रुपये राजस्व में मिलता वह दूसरे राज्य में जा रहा है, जबकि बिहार विकास के लिए तरस रहा है।


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