Rohtas:अब आपके बच्चों को मिलेगा पूरी तरह जांचा-परखा पोषाहार, वितरण से पहले लैब में होगी इसकी जांच
आंगनबाड़ी केंद्रों पर बंटने वाली पोषाहार की गुणवत्ता अब कई तरह से परखी जाएगी। वितरण से पहले इसकी लैब में जांच कराई जाएगी। सफाई पके खाने की गुणवत्ता भी देखी जाएगी। इन बातों की निगरानी जिले के डीएम करेंगे।
जागरण संवाददाता, सासाराम (रोहतास)। पोषण अभियान के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर मिलने वाले पूरक पोषाहार की गुणवत्ता का अब पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसे लेकर महिला व बाल विकास मंत्रालय की ओर से आइसीडीएस के अधिकारी को पत्र लिखकर आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।इसके तहत खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के मानदंडों को पूरा करने वाले गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक आहार देना है। टेक-होम राशन को पहले भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) या राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) से मान्यताप्राप्त प्रयोगशाला से जांच अनिवार्य होगा।
तैयार भोजन ठीक से पका है या नहीं, यह भी देखना है
सीडीपीओ व सुपरवाइजर को आंगनबाड़ी केंद्रों पर पूरक पोषाहार की स्टॉक की प्राप्ति के बाद सैंपलों की जांच अनिवार्य रूप से कराना है। गर्म पके हुए भोजन दिये जाने की स्थिति में यह अवश्य सुनिश्चित किया जाएगा कि खाना उचित तरीके से तैयार किया गया है। इसमें रसोई घर की सही तरीके से सफाई व साफ पेयजल का ध्यान रखना भी शामिल है। निर्देश दिया गया है कि पूरक पोषहार की आपूर्ति शृंखला की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए। किसी प्रकार की आपूर्ति में बाधा नहीं हो। पंजीकरण व भंडारण प्रक्रियाओं के तहत पोषाहार संबंधी मानकों का पालन हो रहा है,इसे भी सुनिश्चित करना है।
जिला स्तर पर डीएम होंगे नोडल अधिकारी
पोषण की स्थिति का जायजा लेने व नियामकों का पालन करवाने के लिए जिला स्तर पर डीएम नोडल अधिकारी होंगे। डीएम अनुश्रवण व निगरानी के लिए तैयार जिला पोषण समिति के अध्यक्ष होंगे। जिला पोषण समिति द्वारा नियुक्त किए गए पोषण विशेषज्ञ प्रमाणित होंगे। आइसीडीएस व पोषण कार्यक्रमों के संचालन के लिए समेकित बाल विकास पदाधिकारी डीएम के निगरानी में काम करेंगे। सीडीपीओ जिला स्तर पर पोषण की मदद से लाभार्थियों विशेष कर कुपोषित बच्चों की सेहत में हुए परिवर्तन की जांच करेंगे। वहीं उनकी जिम्मेदारी समय समय पर पूरक पोषाहार के सैंपल की जांच करवाने और खाद्य सुरक्षा व स्वच्छता से जुड़े मानकों का पालन करवाने की भी होगी। ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता व पोषण दिवस व सामुदायिक स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर लाभुकों व क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों का उत्साहवर्धन करेंगे। प्रखंड स्तर पर ब्लॉक कंनवरजेंस एक्शन प्लान बनाने व इसके क्रियान्वयन का काम भी सीडीपीओ की जिम्मेदारियों में शामिल होगा।
31 जनवरी तक अतिकुपोषित बच्चों की सूची तलब
31 जनवरी तक अतिकुपोषित बच्चो की सूची तलब की गई है ताकि उन्हे उचित उपचार दिया जाए और ऐसे बच्चो को आयुष केंद्रों से जोड़ा जाए, जहां उनका सर्वांगीण विकास हो सके। मां के साथ साथ पोषण पंचायतों को भी यह जिम्मेवारी सौंपी गई है कि वह जन आंदोलन के रूप में कुपोषण पर जागरूकता बढ़ाएं। इसमें ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण कमिटी की भी भूमिका अहम होगी। समय समय पर कुपोषण पर सर्वे किया जाएगा ताकि कुपोषण की स्थिति के बारे में पता लग सके।