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अब मगही पान की देश-विदेश में होगी अपनी पहचान

बिहार की कुछ बेहद नामचीन पहचानों में एक यहा का मशहूर मगही पान भी है। भारत में पान की खेती अनेक स्थानों में होती है लेकिन मगही पान सर्वोत्तम है। आर्थिक दृष्टिकोण से भी मगही पान की कीमत अन्य जगहों की पान की अपेक्षा अधिक है। मगही पान की खेती मुख्य रूप से मगध इलाके के चार जिलों औरंगाबाद नवादा गया और नालंदा में बड़े पैमाने पर होती है। अब इसे देश-विदेश में पहचान दिलाने के लिए शहर के चंदौती में बहुत जल्द ही मंडी बनने जा रही है। मंडी के लिए एक एकड़ जमीन कृषि विभाग ने चिह्नित की है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Jul 2019 02:21 AM (IST)Updated: Sun, 21 Jul 2019 02:21 AM (IST)
अब मगही पान की देश-विदेश में होगी अपनी पहचान
अब मगही पान की देश-विदेश में होगी अपनी पहचान

संजय कुमार, गया

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बिहार की कुछ बेहद नामचीन पहचानों में एक यहा का मशहूर मगही पान भी है। भारत में पान की खेती अनेक स्थानों में होती है, लेकिन मगही पान सर्वोत्तम है। आर्थिक दृष्टिकोण से भी मगही पान की कीमत अन्य जगहों की पान की अपेक्षा अधिक है। मगही पान की खेती मुख्य रूप से मगध इलाके के चार जिलों औरंगाबाद, नवादा, गया और नालंदा में बड़े पैमाने पर होती है। अब इसे देश-विदेश में पहचान दिलाने के लिए शहर के चंदौती में बहुत जल्द ही मंडी बनने जा रही है। मंडी के लिए एक एकड़ जमीन कृषि विभाग ने चिह्नित की है। यहां पर पान की सिकाई के लिए भट्ठी, डाक के लिए एक बड़े प्लेटफॉर्म, भंडारण, व्यवसायियों के रहने के लिए समुचित व्यवस्था होगी। पान मंडी बनने से किसानों की आय में भी बढोतरी होगी।

किसान अभी औने-पोने दाम में पान बेचने को विवश हैं। मंडी बनने से मगही पान देश-विदेश में पहुंचने लगेगी। इससे मांग बढ़ेगी और आय मे वृद्धि होगी।

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पान का होगा ट्रीटमेंट

मंडी में मगही पान का ट्रीटमेंट कर बनारसी पान में बदला जाएगा। इससे पान का दाम दोगुना हो जाएगा। इसके लिए पान अनुसंधान केंद्र इस्लामपुर की देखरेख में कई भट्ठियों का निर्माण किया जाएगा।

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मंडी तक पहुंचने में नहीं होगी परेशानी

मंडी तक पहुंचने के लिए यातायात की भी समुचित व्यवस्था की जाएगी। मंडी को सीधा रेल और सड़क मार्ग से जोड़ा जाएगा। इससे व्यवसायियों को पहुंचने में कोई परेशानी नहीं होगी।

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पान का जीआई टैग

मगही पान का ट्रीटमेंट करने बाद जीआइ टैगलगाकर देश-विदेश में भेजा जाएगा। इससे मगही पान की अपनी पहचान होगी, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। ऐसे अभी किसान पान को वाराणसी भेज रहे हैं। वहां छह से आठ फीसदी कमीशन लिया जाता है। साथ ही समय पर पैसे का भुगतान नहीं किया जाता है। जीआइ टैगके बाद काफी मिलेगा।

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मगही पान मंडी का निर्माण 50 लाख रुपये की राशि से होगी। मंडी को लेकर जमीन चिह्नित करने का कार्य जारी है। इसी वित्तीय वर्ष में कार्य प्रारंभ हो जाएगा।

ओमप्रकाश मिश्रा, जिला उद्यान पदाधिकारी


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