चंदा मामा से भी प्यारा नहीं, बड़ा शातिर है नवादा का यह मामा, खुद तो गया ही भांंजे को भी नहीं छोड़ा
नवादा के कुख्यात अपराधी मो चांद को गोविंदपुर थाने की पुलिस ने दबोच लिया। दो साथियों के साथ पकड़ा गया चांद कई मामलों में आरोपित है। वह छह माह पूर्व ही पश्चिम बंगाल से जमानत पर रिहा होकर आया था।
गोविंदपुर (नवादा), संवाद सूत्र। मैं अपराध की दुनियां से अब तंग आ चुका हूं। अब मैं खुद को बदलना चाहता हूं। ये बातें उस अपराधी के मुंह से निकले जो पुलिस के लिए भी सिरदर्द बन गया है। हम बात कर रहे हैं मो चांद उर्फ चंचल की। गोविंदपुर थाना की पुलिस ने चांद उर्फ चंचल को उसके दो साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया। दो हथियार भी बरामद किए गए। थानाध्यक्ष डॉ नरेंद्र प्रसाद ने बताया कि चांद व उसके गिरोह के लोग किसी वारदात को अंजाम देने की तैयारी में थे। लेकिन उससे पहले ही पुलिस की पकड़ में आ गए। दो अन्य अपराधियों में से एक चांद का भांजा अकबरपुर थानाक्षेत्र के छोटकी अम्मा गांव निवासी मो गुलजार औरा दूसरा पुरानी बाजार नवादा निवासी श्रवण कुमार है।
बड़े वारदात को अंजाम देने की फिराक में था चांद
थानाध्यक्ष ने बताया कि ये चांद के पास से दो पिस्टल, चार कारतूस तथा एक मोबाइल, गुलज़ार के पास एक मोबाइल तथा श्रवण कुमार के मोबाइल व सात हजार रुपये नकदी बरामद हुआ। चांद मंगलवार की दोपहर अपनी कार से झारखंड की तरफ जा रहा था। पटना- रांची राजमार्ग 31 पर फरहा गांव के समीप पुलिस ने उसे दबोच लिया। उसकी निशानदेही पर गुलजार और श्रवण को पकड़ा गया। चांद को आर्म्स एक्ट और अन्य दोनों को अपराधिक गतिविधि की वजह से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने मोबाइल ट्रैकिंग से यह सफलता हासिल की।
छह माह पहले पश्चिम बंगाल से हुआ था रिहा
बताते चलें कि कुख्यात मो. चांद उर्फ चंचल गोविंदपुर थानाक्षेत्र के बकसोती गांव का रहने वाला है। उसने बताया कि उसके उपर दर्ज़नो आपराधिक मामले में प्रथमिकी दर्ज है। कई बार जेल भी जा चुका है। उसने 5 जनवरी 2020 को बकसोती में सकरी नदी पर पुल निर्माण करा रही कंपनी के दर्जनों लेबर मुंंशी के साथ मारपीट कर पोकलेन और अन्य गाड़ियां फूंक दी थीं। उसे 13 जनवरी को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया शहर में पकड़ा गया था। वह छह महीना पहले इस कांड में जमानत पर रिहा हुआ था। फिर किसी घटना की अंजाम देने पहले ही गिरफ्तार हो गया।