अंशु नहीं उसके बड़े भाई के मर्डर का रचा गया था प्लान, संपत्ति के लिए खेला गया खूनी खेल
नीमचक बथानी थाना क्षेत्र के तलाशिन पहाड़ी के खोह से शव को बरामद किया गया। एसडीपीओ उपेंद्र प्रसाद ने बताया कि इंद्रजीत आठ जनवरी को बाइक से नवादा पहुंचा और अपने साला अंशु को मिठाई खिलाने के बहाने साथ लेते गया।
संवाद सहयोगी, नवादा । अंशु का अपहरण करने के बाद उसकी निर्मम हत्या कर दी गई। गला घोंटने के बाद उसकी एक आंख निकाल ली गई। घटना को उसके बहनोई इंद्रजीत कुमार ने अपने पिता संजय यादव व चाचा विकास कुमार के साथ मिलकर अंजाम दिया। आरोपित गया जिले के नीमचक बथानी थाना क्षेत्र के नासिर बिगहा गांव के रहने वाले हैं। मोबाइल सर्विलांस के आधार पर तीनों को गिरफ्तार किया गया। कड़ी पूछताछ में तीनों टूट गए और अपनी संलिप्तता कबूल कर ली।
उनकी निशानदेही पर नीमचक बथानी थाना क्षेत्र के तलाशिन पहाड़ी के खोह से शव को बरामद किया गया। एसडीपीओ उपेंद्र प्रसाद ने बताया कि इंद्रजीत आठ जनवरी को बाइक से नवादा पहुंचा और अपने साला अंशु को मिठाई खिलाने के बहाने साथ लेते गया। अपने गांव ले जाने के बाद घुमाने के बहाने तेलाशिन पहाड़ पर ले गया और वहीं पर गला घोंट दिया। हालांकि उन्होंने आंख निकालने की बात से इंकार किया है।
ससुराल की संपत्ति पर थी आरोपित बहनोई की नजर
एसडपीओ ने बताया कि घटना से पूर्व इंद्रजीत ने अपने पिता व चाचा के साथ यह चर्चा किया कि उसके ससुर सुनील यादव के पास काफी जमीन है। अगर उनके दोनों को बेटों को मार दिया जाए तो संपत्ति पर उसका हक होगा। इसके बाद वह 8 जनवरी को बाइक से नवादा आया। बहनोई होने के कारण अंशु उसके साथ चला गया।
अंशु के बड़े भाई की भी हत्या का था प्लान
एसडीपीओ का कहना है कि आरोपित मृत बालक अंशु के बड़े भाई 13 वर्षीय बसंत कुमार की हत्या करने का मन बनाया था। ताकि संपत्ति इंद्रजीत की हो सके। वारदात को अंजाम देने में उसके पिता व चाचा ने पूरा सहयोग किया।
क्या है घटनाक्रम
आठ जनवरी को अंशु अपने घर के पास साइकिल चला रहा था। उसके बाद वह गायब हो गया। स्वजनों ने तलाश शुरू की तो घर से थोड़ी दूरी पर साइकिल मिली। बालक के दादा देवशरण यादव ने जमीन की खरीद-बिक्री के विवाद में पोते के अपहरण की आशंका जताते हुए तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसमें वीआइपी कालोनी के बबलू सिंह, मनोज सिंह व अपने पड़ोसी कमल नयन को आरोपित किया। पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए स्वजनों ने नौ जनवरी को आइटीआइ के समीप नवादा-बिहार पथ को जाम कर दिया था। जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और तीनों नामजदों को थाना लाकर पूछताछ की। उनकी संलिप्तता सामने नहीं आने पर पीआर बांड पर उन्हें मुक्त कर दिया गया था।