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सिंचाई के समुचित साधन नहीं, स्वास्थ्य सुविधा का घोर अभाव

-फोटो 30 31 32 -मोहनपुर प्रखंड के मटिहानी गांव को विकास की दरकार नाले तो बने पर पानी का निकासी नहीं ---------- समस्या -पईन पर अतिक्रमण होने से ग्रामीण काफी परेशान -बिजली के लो वोल्टेज की समस्या भी विकास में बाधक ---------- -402 घरों में बसती हैं 6298 की आबादी -03 वार्ड वाले गांव के लोग उपजाते हैं सब्जियां -03 इंजीनियर दो डॉक्टर दो रेलवे कर्मचारी --------- संवाद सूत्र मोहनपुर

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Aug 2019 06:59 PM (IST)Updated: Sun, 25 Aug 2019 06:59 PM (IST)
सिंचाई के समुचित साधन नहीं, स्वास्थ्य सुविधा का घोर अभाव
सिंचाई के समुचित साधन नहीं, स्वास्थ्य सुविधा का घोर अभाव

गया । गाव के लोग आज भी विकास के लिए तरस रहे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सड़क आदि के क्षेत्र में सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाएं धरातल से कोसों दूर है। किसान बहुल इस गाव में सिचाई की समुचित व्यवस्था नहीं है। किसान निजी स्रोत के सहारे खेती करने को विवश हैं। महिला हो या वृद्ध बीमार होने पर बाहर जाकर इलाज कराते हैं। एक उपस्वास्थ्य केंद्र की स्थापना नहीं की जा सकी। गाव में जलनिकासी अहम समस्या है। बरसात के दिनों में लोग घरों में दुबकने को मजबूर हो जाते हैं। ऐसी नाले बने हैं पर निकासी नहीं होने के कारण पानी का जमाव रहता है या फिर ओवरफ्लो होकर सड़कों पर आ जाता है।

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ये समस्याएं शेरघाटी अनुमंडल के मोहनपुर प्रखंड के मटिहानी पंचायत सह मटिहानी गांव की हैं। गांव के लोग पईन पर अतिक्रमण होने से काफी परेशान हैं। वे कहते हैं, अतिक्रमण हट जाए तो 50 एकड़ रकबा की खेतों में फसल उपजा सकेंगे। गांव में एक प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। एक प्राथमिक विद्यालय हुआ करता था, जिसे उत्क्रमित कर मध्य विद्यालय का दर्जा दे दिया गया, पर गांव में एक उच्च विद्यालय नहीं है। जिसके कारण लोग स्वास्थ्य और उच्च शिक्षा से वंचित हैं।

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मुख्य पेशा है सब्जी उत्पादन

यहां के लोगों का मुख्य पेशा कृषि है। सब्जी का उत्पादन बड़े पैमाने पर लोग करते हैं। इसी पेशे के कारण गांव के टोलों में रहने वाले लोग मजदूरी कर अपना जीविकोपार्जन करते हैं। अब यहां के लोगों को इस बात का मलाल है कि उनके पैदावार की उचित कीमत स्थानीय बाजार नहीं मिल पाती है। इसकी चिंता इन्हें सताती रहती है। अब तो कई लोग कहने लगे हैं कि यदि बाजार में सब्जियों के सही दाम नहीं मिले तो यह रोजगार छोड़ देंगे।

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ग्रामीणों का दर्द

ग्रामीणों ने अपना दर्द बांटते हुए बताया इस गांव में एक गुहिया आहर है। जिस पर गांव के ही कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। इसके कुछ हिस्से पर खेती भी करने लगे हैं। कुछ भाग पर कब्जा कर अपना बताने से गुरेज नहीं करते। पईन पर अतिक्रमण के कारण नहर से जो पानी खेतों में पटवन के काम आते थे उसे अवरुद्ध कर दिया गया। इसका फलाफल है कि सब्जी उत्पादन में लगे लोगों को पूंजी अधिक लगती है, जिसकी तुलना में पैदावार की कीमत नहीं मिल पाती। किसान निरंजन बताते हैं अभी जब अधिक बिजली की जरूरत है तो कम आपूर्ति की जा रही है। यह सबसे बड़ी समस्या है। बिजली की आपूर्ति मात्र दो फेज में ही हो रही है। ऐसे में लो वोल्टेज के कारण हमलोग खेतों में लगी फसल का पटवन सही ढंग से नहीं कर पाते हैं। उच्च शिक्षा की व्यवस्था नहीं है। मिडिल स्कूल में पढ़ाई पूरी करने के बाद जो लोग सक्षम हैं, उसी परिवार के बच्चे गया शहर मे किराए के मकान में उच्च शिक्षा की पढ़ाई कर पाते हैं। गरीब के बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।

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आगनबाड़ी केंद्र रहता है बंद

मटिहानी गांव में दो मतदान केंद्र हैं। इसके जदुआचक टोले में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र नियमित खुलते हैं और यहां बच्चे भी आते हैं, पर गांव के टोले किचनीया टांड़ में किराये के मकान में संचालित आगनबाड़ी में सेविका के नहीं आने के कारण बंद रहता है। सेविका गया शहर में रहती हैं। सहायिका कभी कभार केंद्र खोलती हैं। बच्चों को बुलाकर कोरम पूरा करती हैं। शिकायत पर भी बीडीओ व सीडीपीओ कुछ नहीं करते।

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पईन पर अतिक्रमण

को लेकर तनाव

गाव के सुरेश पासवान, रामचंद्र साव कहते हैं हमलोगों के खेतों तक पानी जाने का एकमात्र साधन गुहिया आहर से निकली पईन है। जिसे गाव के ही कुछ लोग अतिक्रमण कर रखा है। अतिक्रमण कर पईन पर ही खेती की जा रही है। इसको लेकर बराबर तनाव बना रहता है। इस पईन के पानी से लगभग 50 एकड़ खेतों में पटवन होता था। अतिक्रमण हट जाए तो 50 एकड़ खेतों में फसल उपज सकेंगे।

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कर्ज लेकर शौचालय बनाए

पर नहीं मिली सहायता राशि

अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि गाव के कई लोग कर्ज लेकर शौचालय बनवाए। प्रोत्साहन राशि शौचालय बनते ही खाते में प्रोत्साहन राशि देने की बात अधिकारी कहते थे। अब तक पैसा नहीं मिला। बीडीओ साहब से भी कहकर थक गए। गांव के रघु महतो, रौशन प्रसाद, वृद्धा रौशनी देवी, प्रमिला देवी आदि बताते हैं कि उन्हें पहले सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिलता था। इधर दो साल से नहीं मिल रहा। बीडीओ के पास कई दफा गए। साहब गुस्सा कर बोल देते हैं कि जाओ काम हो जाएगा। गांव के करीब चालीस प्रतिशत लाभुकों को ही पेंशन योजना का लाभ मिल रहा। अमृत कुमार कहते हैं कि यहा स्वास्थ्य केंद्र नहीं रहने से बीमार व्यक्ति को बोधगया या फिर गया शहर की ओर ले जाना पड़ता है। समय से मरीज यदि अस्पताल नहीं पहुंच पाया तो मौत का सामना करना पड़ता है।

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पईन को अतिक्रमण मुक्त कराते हुए मनरेगा के तहत जीर्णोद्धार कराने के लिए ग्रामीणों के साथ बैठक करेंगे। उन्हें पेंशन नहीं मिल रहा, उसका कारण जानने के बाद इस योजना का लाभ दिलाया जाएगा। मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत गांव में विकास कार्य कराए जा रहे हैं।

तुला प्रसाद, मुखिया, ग्राम पंचायत मटिहानी

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गाव में या इंटवा बाजार में जो समस्याएं हैं, उसका निदान जन सहयोग से ही संभव है। इसके लिए गाव के लोगों को आगे आना होगा। मटिहानी को जाने वाली मुख्य पथ, बिजली व्यवस्था में सुधार, गाव में उच्च विद्यालय की स्थापना से ही गाव का विकास संभव है। जनवितरण प्रणाली में व्याप्त खामियों की वजह से संपन्न लोग इसका लाभ ले रहे हैं, जबकि जरूरतमंद वंचित हैं। उसकी निष्पक्ष तरीके से जाच होनी चाहिए।

परवेज आलम खान, सामाजिक कार्यकर्ता, ईटवा बाजार

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गांव का गौरव

मटिहानी गाव अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल बोधगया से लगभग छह किमी दूरी पर स्थित है। इस गाव का गौरव है कि शहर में रहकर 18 सौ बच्चे मैट्रिक पास हैं। करीब एक हजार छात्र छात्राएं इंटर व स्नातक पास हैं। गांव के तीन लोग इंजीनियर व दो लोग डॉक्टर हैं। दो व्यक्ति रेलवे में नौकरी करते हैं। करीब एक दर्जन शिक्षक हैं।

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ऐसे बसा गांव

ग्रामीणों ने बताया बोधगया के महंत की जमींदारी थी। जिनकी जमीन चौरहा यानि बटाइदारी पर आसपास गांव के पूर्वज खेती किया करते थे। उसके पैदावार से लोग अपने बाल बच्चों का लालन पालन किया। जमींदारी प्रथा जब समाप्त होने लगी तो खेती करने वालों ने ही उनसे जमीन खरीद ली। इसके बाद गांव बसने लगा, जिसका कुल रकबा करीब ढाई सौ एकड़ है।

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प्रेरणास्रोत हैं मुखिया

स्थानीय मुखिया तुला प्रसाद इसी गांव के रहने वाले हैं, जो एक सजग किसान हैं। लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत भी हैं। इन्होंने समेकित खेती कर गाव और इलाके में कृषि कार्य को एक नई पहचान देकर गाव को हरा भरा बनाने में योगदान दिया है। लोगों को इसके लिए प्रेरित भी करते रहते हैं। आज भी खुद इसमें लगे रहते हैं।

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प्रस्तुति: रामानंद सिंह

संपर्क : 9973666598


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