रजिस्ट्री के 15 दिन बाद भी नहीं मिल रहे दस्तावेज, परेशान हैं भू-मालिक
रजिस्ट्री ऑफिस में नित दिन सैकड़ों प्लॉट की खरीद-बिक्री होती है। जमीन की रजिस्ट्री के बाद भू-मालिकों को समय पर दस्तावेज नहीं मिल रहे। विभागीय आंकड़े बताते हैं पिछले 15 दिनों में 2000 प्लॉट की रजिस्ट्री कराई गई। जिला अवर निबंधक के हस्ताक्षर नहीं होने के कारण भू-मालिक दस्तावेज से वंचित हैं। एक पखवारे से कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं।
रजिस्ट्री ऑफिस में नित दिन सैकड़ों प्लॉट की खरीद-बिक्री होती है। जमीन की रजिस्ट्री के बाद भू-मालिकों को समय पर दस्तावेज नहीं मिल रहे। विभागीय आंकड़े बताते हैं, पिछले 15 दिनों में 2000 प्लॉट की रजिस्ट्री कराई गई। जिला अवर निबंधक के हस्ताक्षर नहीं होने के कारण भू-मालिक दस्तावेज से वंचित हैं। एक पखवारे से कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं। इसका खामियाजा डीड राइटर को भी भुगतान पड़ता है। उन्हें जमीन खरीदने वाले भू-मालिक से खरी-खोटी सुननी पड़ती है।
----------
कागजात लेने के नियम
जानकार बताते हैं, किसी जमीन की रजिस्ट्री कराने से पहले रिकॉर्ड से जांच, कंप्यूटर में फीड डाटा से मिलान। जांच के बाद जिला अवर निबंधक पदाधिकारी से स्वीकृति मिलने के बाद जमीन की रजिस्ट्री कराई जाती है। सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद रजिस्ट्री होती है। नियम यह भी है कि रजिस्ट्री के 24 घंटे के अंदर जिला अवर निबंधक पदाधिकारी के हस्ताक्षर के बाद भू मालिक को कागजात हस्तगत कराया जाता है, लेकिन रजिस्ट्री कार्यालय से दस्तावेज निर्गत करने में आनाकानी की जाती है। यहां नियमों को ताक पर रखकर एक पखवारे तक रजिस्ट्री के दस्तावेज को रोक कर रखा जाता है। भू-मालिक जांचोपरांत और विभाग द्वारा तय स्टांप फी, रजिस्ट्री फी सहित सभी तरह की शुल्क जमा करा दिया जाता है।
----
1
3 नवंबर को रजिस्ट्री, 28
तक केवाला नहीं मिला मानपुर के हरिवंश शर्मा कहते हैं, गत 12 नवंबर को दस्तावेज की जांच कराई गई। जांचोपरांत और सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क को चालान के माध्यम से जमा करा दिए थे। 13 नवंबर को जमीन की रजिस्ट्री कराई थी, लेकिन 28 नवंबर तक जमीन का केवाला नहीं मिला है। आज-कल किया जा रहा है। इसी तरह रसलपुर से आए सुनील सिंह, सनत सिंह और परशुराम सिंह कहते हैं, यहां जमीन की रजिस्ट्री कराना आसान है। यहां से नकल और दस्तावेज लेना टेढ़ी खीर है। दस्तावेज लेने के लिए जी हजूरी करना पड़ता है। ----
दस्तावेज निर्गत करने में कोई समस्या नहीं है। रजिस्ट्री के बाद जो रसीद कार्यालय से दी जाती है। उसमें सात दिनों के अंदर दस्तावेज देने की बात अंकित है। निर्धारित अवधि में दस्तावेज निर्गत की जा रही है। 28 नवंबर को वैसे रजिस्ट्री के दस्तावेज निर्गत की गई है, जिनकी रजिस्ट्री 26 नवंबर को हुई है। लिंक की समस्या को लेकर कभी-कभार मामला फंस जाता है। दस्तावेज निर्गत करने के लिए प्रत्येक दिन कार्यालय अवधि के बाद यानि शाम सात बजे तक काम करना पड़ता है।
रीवा चौधरी, जिला अवर निबंधक पदाधिकारी, गया।