सरकार कोई भी रहे लेकिन नहीं बदलनेवाली बिहार की तस्वीर, सामाजिक क्रांति से ही आएगा बदलाव
तेलंगाना के पूर्व डीजी और पंजाब सरकार के सलाहकार बीके सिंह ने कहा है कि बिहार में बदलाव के लिए सामाजिक क्रांति की जरूरत है। यहां जातिवाद नहीं स्वार्थवाद है। अपनी रोटी सेंकने के लिए सभी जातियों का शोषण किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, सासाराम (रोहतास)। बिहार की बदहाली दूर करने के लिए एक सामाजिक क्रांति की जरूरत है। आज बिहार देश में सबसे पिछड़ा व बीमारू प्रदेश है। स्पष्ट है कि सरकार चाहे किसी की भी आए स्थिति नहीं बदलने वाली है। अब हमें बिहार की जनता के बीच जाकर बताना है कि आज जो बिहार की बदहाली है उसके लिए सीधे-सीधे आप जिम्मेवार हैं। ये बातें तेलांगना के पूर्व डीजी (कारा व सुधार) व पंजाब सरकार के सलाहकार बीके सिंह ने शनिवार को परिसदन में आयोजित प्रेस वार्ता में कही। वे महापरिवर्तन आंदोलन के प्रथम चरण में बिहार के सात जिलों में इसकी शुरुआत करने के दूसरे दिन सासाराम पहुंचे थे।
बिहार में जातिवाद नहीं स्वार्थवाद
बीके सिंह ने कहा कि जयप्रकाश नारायण ने संपूर्ण क्रांति के जरिए पूरे देश में प्रजातंत्र की रक्षा की थी। आज 45 साल बाद प्रजातंत्र और प्रशासन की रक्षा के लिए हमें जागने की जरूरत है। बिहार में कोई जातिवाद नहीं है, यहां विशुद्ध रूप से स्वार्थवाद है। जहां सभी अपनी-अपनी जातियों का शोषण कर रहे हैं। मैंने तेलंगाना सरकार के कुशासन के खिलाफ भी बुलंद आवाज उठाई। उनके मनमानेपन का विरोध किया। उसके बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर बिहार में सामाजिक क्रांति लाने का बीड़ा उठाया है।
बिहार के विकास के लिए ये हैं पांच रास्ते
कहा कि बिहार मेरी जन्मभूमि है तथा इसकी बेहतरी के लिए मैंने यह बीड़ा उठाया है । बिहार की बदहाली दूर करने के लिए महज पांच रास्ते हैं। इसके तहत विवादहीन समाज का निर्माण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में सुधार, ईमानदार प्रतिनिधि का चुनाव और भ्रष्टाचार का पुरजोर विरोध शामिल है । बिहार में एसटीएफ डीआइजी और तेलंगाना में जेल सुधार डीजी के रूप में अपने किए गए उल्लेखनीय कार्यो को भी साझा किया । जनसेवा संघ के अभियान जिला प्रभारी केवीएन सिंह और विनोद सिंह ने बताया कि इस अभियान से गांव- गांव में जाकर जोड़ने का काम किया जाएगा ।