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सीताकुंड में चुंआ खोदकर प्यास बुझा रहे तीर्थयात्री

पितृपक्ष मेला के बाद बंद हो जाता है प्याऊ।

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Mar 2018 09:09 PM (IST)Updated: Tue, 06 Mar 2018 09:09 PM (IST)
सीताकुंड में चुंआ खोदकर प्यास बुझा रहे तीर्थयात्री
सीताकुंड में चुंआ खोदकर प्यास बुझा रहे तीर्थयात्री

पेज -3 फोटो - 34

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पितृपक्ष मेला के बाद बंद हो जाता है प्याऊ, प्रत्येक दिन एक हजार से अधिक तीर्थयात्री पहुंचते हैं सीताकुंड

जागरण संवाददाता, गया : मानपुर के फल्गु नदी तट पर स्थित सीता कुंड में चुंआ खोदकर लोग अपनी प्यास बुझा रहे हैं।

सीताकुंड में पिंडदान के लिए हर दिन एक हजार से अधिक पिंडदानी आते हैं। पेयजल की सुविधा नहीं रहने कारण फल्गु नदी में चुंआ से ही प्यास बुझा रहे हैं। पेयजल के लिए एक प्याऊ बना हुआ है, पर यह सिर्फ पितृपक्ष मेला के समय ही चलता है। मेला समाप्त होने के बाद प्याऊ बंद हो जाता है। नगर निगम द्वारा यहां पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। ऐसे सीताकुंड के पास स्थित सलेमपुर गांव में निगम द्वारा पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। सीताकुंड तक पानी पहुंचने की किसी को सुध नहीं है।

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सीताकुंड में तीर्थयात्री चुंआ से प्यास बुझाने के साथ-साथ पिंडदान के लिए भी पानी लेते हैं। यहां निगम द्वारा पानी की व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे तीर्थयात्रियों को काफी परेशानी हो रही है।

बैजनाथ साव

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सीताकुंड में प्रत्येक दिन एक हजार से अधिक पिंडदानी आते हैं। पेयजल की सुविधा नहीं रहने के कारण नदी के चुंआ से ही पानी लेते हैं। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, वैसे-वैसे चुंआ का पानी भी तेजी से नीचे जा रहा है।

तेजन मालाकार

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तीर्थयात्रियों को पानी की समस्या से रोज जूझना पड़ रहा है। नगर निगम में कोई सुननेवाला नहीं है। पानी की समस्या को लेकर कई बार निगम में गुहार भी लगाई, पर स्थिति यथावत है।

संतोष कुमार पांडे

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प्याऊ को पितृपक्ष मेला के समय ही चालू किया जाता है। शेष दिन यह बंद रहता है। प्याऊ बंद रहने के कारण तीर्थयात्री के साथ आमलोग भी नदी के चुंआ से प्यास बुझाने को मजबूर हैं।

संजय लाल कटरियार

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सीताकुंड में शीघ्र ही बो¨रग कर जलापूर्ति की जाएगी। नगर निगम द्वारा जलापूर्ति को लेकर बो¨रग कराने का आदेश मिल गया है। बो¨रग होने के बाद पानी की समस्या समाप्त हो जाएगी।

सत्येंद्र प्रसाद गुप्ता, वार्ड पार्षद


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