न कमीशन, न मजदूरी, आधार सीडिंग मजबूरी, डीलर और कार्डधारक दोनों परेशान, 31 मार्च तक का वक्त
डीलरों को आधार नंबर सीडिंग करना जरुरी है। ऐसी व्यवस्था सरकार ने बना दी है। यदि एक कार्ड के सभी सदस्यों का आधार नम्बर सीडिंग नहीं किया गया तो वह राशन कार्ड रद्द हो जाएगा। 31 मार्च के बाद ऐसे कार्ड जो अधूरे रह जाएंगे वे मान्य नहीं रह जाएंगे।
संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद)। डीलरों को आधार नंबर सीडिंग करना जरुरी है। ऐसी व्यवस्था सरकार ने बना दी है। यदि एक कार्ड के सभी सदस्यों का आधार नम्बर सीडिंग नहीं किया गया तो वह राशन कार्ड रद्द हो जाएगा। 31 मार्च के बाद ऐसे कार्ड जो अधूरे रह जाएंगे वे मान्य नहीं रह जाएंगे। इसे लेकर जनता से डीलर तक परेशान हैं। जानकारी के अनुसार काफी संख्या में ऐसे कार्डधारक हैं, जिनके सभी सदस्यों के आधार नहीं बने हैं। अब समस्या यह आ रही है कि पूर्व की तरह अब सहजता से और काफी सेंटरों पर आधार कार्ड बनाने की सुविधा उपलब्ध नहीं है। दूसरी तरफ वैसे कार्डधारकों में भय है कि यदि 31 मार्च से पहले उनके सभी सदस्यों का आधार सीडिंग नहीं हुआ तो, कार्ड अमान्य हो जाने पर फिर से कार्ड बनवाना श्रमसाध्य के साथ खर्चीला भी होगा, इसके बावजूद इसकी उम्मीद कम है कि कितने महीनों या वर्षों बाद कार्ड दुबारा बन सकेगा। दूसरी तरफ डीलरों की परेशानी भी है।
धन एजेंसी ले गई, काम डीलर क्यों करें : सुरेद्र
फेयर प्राइस डीलर एसोसिएशन के प्रदेश संगठन मंत्री सुरेंद्र यादव का कहना है कि आधार सीडिंग करवाने के लिए जागरूकता रथ गांव-गांव में घूम रहा है, क्या वह फ्री में है, बैनर, साउंड क्या फ्री में है। फिर सब काम फ्री में डीलर क्यों करे। सरकार ने करोड़ों रुपये में टेंडर दिया था, मगर आधार सीडिंग नाम मात्र के हुआ। अपने-अपने कार्डधारकों के आधार जमा करके डीलर ने ही दिया तो कुछ काम हुआ। कंपनी रुपये लेकर चली गई। अब जो आधार सीडिंग करना है वह डीलर को करने का आदेश है। सरकार कमीशन, मजदूरी नहीं देगी। घर-घर जाकर सूचना करना, सूची तैयार करके कार्यालय को देना, क्या-क्या फ्री में सब करें डीलर। पूछा- यह गुलामी नहीं तो क्या है, डीलर कराह रहा मगर कार्रवाई के डर से सब चुपचाप कर रहा।