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आला न दवा और न ही डॉक्टर, पर नाम है स्वास्थ्य शाखा

ऑन द स्पॉट फोटो- -नगर निगम के स्वास्थ्य शाखा में सिर्फ होता है सफाईकर्मियों के रोज के मेहनताना का हिसाब-किताब -आठ स्वास्थ्य कर्मियों की है पदस्थापना फिर भी चिकित्सक सेवा बदहाल --------------------

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Aug 2019 08:38 PM (IST)Updated: Fri, 09 Aug 2019 08:38 PM (IST)
आला न दवा और न ही डॉक्टर, पर नाम है स्वास्थ्य शाखा
आला न दवा और न ही डॉक्टर, पर नाम है स्वास्थ्य शाखा

सुभाष कुमार, गया

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दोपहर के एक बजे थे। नगर निगम परिसर में स्थित जवाहर टाउन के एक कोने में स्वास्थ्य शाखा का गेट खुला हुआ था, लेकिन अनजान लोगों का वहां जाना काफी मुश्किल है। चारों तरफ से सब्जियों की दुकानों से घिरा है। किसी तरह स्वास्थ्य शाखा के अंदर दैनिक जागरण की टीम पहुंची तो देखा कि कर्मचारी बैठे हुए थे, लेकिन वहां न तो आला और न ही दवा और चिकित्सक थे। 12 साल पहले बैठते थे डॉक्टर तो सफाईकर्मियों का मेडिकल चेकअप होता था। अब तो सिर्फ यहां सफाईकर्मियों के रोज के कामकाज का मेहनताना का हिसाब-किताब किया जाता है। इस कार्य में आठ कर्मी लगे हुए हैं। इस दौरान स्वास्थ्य शाखा में दो टेबल पर कार्यरत कर्मी (एक महिला और एक पुरुष) फाइल उलट रहे थे। वहीं, एक लंबी टेबल पर तीन महिलाएं अनुसेविका बैठी आपस में बातचीत कर रही थीं। जांच पड़ताल शुरू की तो पता चला कि नगर निगम की स्वास्थ्य शाखा में सफाईकर्मियों के मेहनताना बनाने का काम किया जाता है। इसी काम के लिए सभी कर्मी बैठे हुए हैं। यहां सफाईकर्मी का बिल बनाया जाता है। उसके बाद तीनों अनुसेविकाएं अकाउंट सेक्शन फाइल भेजने का काम करती है।

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शहर में सफाई के लिए

तीन तरह के सफाईकर्मी

एक से 53 वार्डो में साफ-सफाई के लिए तीन तरह के सफाईकर्मियों द्वारा काम लिया जाता है। इसमें एक रिक्शा चालक जो डोर टू डोर एवं दूसरा वार्ड के अंतर्गत सफाई का काम करने वाले लेबर हैं। वहीं, शहर के सभी वार्ड के लिए स्थायी लेवर द्वारा भी सफाई का काम कराया जा रहा है।

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राजस्व शाखा के टैक्स

कलेक्टर बना रहे शौचालय

निगम के राजस्व शाखा के कार्यालय में दोपहर 1:20 बजे जागरण टीम के सदस्य पहुंचे हैं तो देखा कि यहां राजस्व पदाधिकारी विजय कुमार सिन्हा की कुर्सी खाली है। टेबल के सामने दो कर्मी बैठे हैं। स्थिति की जानकारी ली तो पता चला कि पदाधिकारी इंक्वायरी में गए हैं। वहीं, यहां कार्यरत टैक्स कलेक्टर कर्मचारी की संख्या नौ है। इससे निगम द्वारा शौचालय एवं अन्य कार्यो को लगाया गया है। टैक्स कलेक्शन के लिए प्राइवेट कंपनी को दे दिया गया है। उनके द्वारा टैक्स की प्राप्ति की जाती है।

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