कैमूर जिले की चारों सीटों पर नए चेहरे, संगीता पहली बार मैदान में उतरीं अौर बन गईं मोहनिया की विधायक
कैमूर जिले की चारों सीटों पर इस बार नए चेहरे हैं। एक को छोड़ दें तो अन्य तीन तो राजनीति के पुराने चेहरे हैं। लेकिन विधायक पहली बार बने हैं। मोहनियां सीट से राजद प्रत्याशी के रूप में पहली बार संगीता कुमारी मैदान में उतरीं और जीत गईं।
जेएनएन, भभुआ\गया। कैमूर जिले की चारों विधानसभा सीट भभुआ, चैनपुर, रामगढ़ और मोहनियां में चुने गए विधायक पहली बार विधायक बने हैं। इनमें मोहनियां विधानसभा सीट से संगीता कुमारी पहली बार चुनाव मैदान में उतरीं और विधायक बनी। लेकिन अन्य तीनों सीट भभुआ, रामगढ़ और चैनपुर में जीतने वाले प्रत्याशियों का राजनीति से काफी पूर्व का नाता रहा है। ये पहले भ्ाी चुनाव लड़ चुके हैं।
बता दें कि कैमूर जिले की भभुआ विधानसभा सीट पर राजद से निर्वाचित प्रतिनिधि भरत बिंद काफी लंबे समय तक बहुजन समाज पार्टी से जुड़े रहे। बाद में पार्टी बदली और इस बार के विधानसभा चुनाव में पहली बार राजद की सीट से चुनाव मैदान में उतरे और जीत दर्ज की।
सुधाकर ने संभाली पिता की विरासत- वहीं रामगढ़ विधानसभा सीट से निर्वाचित घोषित किए गए सुधाकर सिंह का राजनीति से लंबे समय से नाता रहा है। उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि भी राजनीतिक रही है। इनके पिता जगदानंद सिंह वर्तमान में राजद के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। वे पूर्व में रामगढ़ विधानसभा का छह बार विधायक रह कर प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं। इसके अलावा जगदानंद सिंह एक बार बक्सर लोकसभा सीट से सांसद भी रहे हैं। सुधाकर सिंह पूर्व में एक बार भाजपा से भी चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी। लेकिन इस बार उन्होंने पिता की विरासत को बखूबी संभाला। जनता ने उन्हें अपना विधायक चुन लिया है।
चार हार के बाद पांचवीं बार में जीते जमां खां- उधर चैनपुर विधानसभा सीट पर निर्वाचित प्रतिनिधि बसपा के मो. जमा खां को पांचवीं बार में जीत हासिल हुई है। वे इसके पूर्व भी चार बार चुनाव लड़ चुके हैं। उनकी जीत कई मायने में खास है। चार बार की हार से भी उनका मनोबल नहीं टूटा और इस बार उनकी मेहनत रंग लाई। उधर मोहनिया सीट से संगीता कुमारी के लिए यह चुनाव काफी खास रहा। पहली बार मैदान में उतरीं अौर जीत कर विधायक बन गई हैं।