भाजपा के तीनों मंडलों में बनाए गए नए संयोजक, मंडल अध्यक्षों के इस्तीफा के बाद पड़ी इसकी जरूरत
भाजपा जिलाध्यक्ष ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि तीन मंडलों की समीक्षा बैठक में गहन तरीके से चिंतन करते हुए तीनों मंडल कमेटी में से ही नया संयोजक का चयन किया गया है। आगे बैठक कर संगठन को मजबूत बनाने पर चर्चा की जाएगी।
संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : भाजपा के तीन मंडल अध्यक्षों द्वारा इस्तीफा देने के बाद बदली राजनीतिक परिस्थिति में शुक्रवार को तीनों मंडल में नए संयोजक मनोनीत किए गए। पूर्व जिलध्यक्ष संजय मेहता के आवास पर बैठक कर इसका निर्णय लिया गया। तीनों पदों के लिए तीन अलग-अलग नेताओं द्वारा नाम प्रस्तावित किया गया। जिसे स्वीकृति दे दी गई।
आने वाले कुछ समय में संयोजक बनाए गए तीनों व्यक्ति मंडल अध्यक्ष स्वतः बन जाएंगे जैसा कि पार्टी का प्रावधान है। इस मामले को लेकर हुई बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा ने की। भाजपा जिलाध्यक्ष ने बताया कि डा. दिनेश कुमार वर्मा को रविंद्र शर्मा के प्रस्ताव पर दाउदनगर ग्रामीण मंडल, दयानंद चौधरी को अटल बिहारी वाजपेयी के प्रस्ताव पर दाउदनगर नगर मंडल एवं जगन्नाथ शर्मा को संजय मेहता के प्रस्ताव पर शमशेर नगर मंडल का संयोजक बनाया गया। इन्हें संगठन के कार्यों की जवाबदेही दी गई है।
बैठक के बाद भाजपा जिलाध्यक्ष ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि तीन मंडलों की समीक्षा बैठक में गहन तरीके से चिंतन करते हुए तीनों मंडल कमेटी में से ही नया संयोजक का चयन किया गया है। आगे बैठक कर संगठन को मजबूत बनाने पर चर्चा की जाएगी। एक सवाल के जवाब में भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि समय-समय पर संगठन में बदलाव की आवश्यकता पड़ती है।
जब कोई संगठन के कार्यों को पूरा नहीं कर पाते हैं तो संगठन को निर्णय लेना पड़ता है। भाजपा के तीनों मंडल के अध्यक्ष के त्यागपत्र दिए जाने के संदर्भ में पूछे जाने पर जिलाध्यक्ष ने कहा कि यदि संगठन का विचार उनके अंदर आता तो वे अपने पद से इस्तीफा नहीं देते। उनका सामूहिक रूप से इस्तीफा देना निंदनीय है। अगर उनके मन में किसी प्रकार की बात थी तो उन्हें संगठन से चर्चा करनी चाहिए थी।
भाजपा के जिला महामंत्री मुकेश कुमार सिंह ने कहा कि जिले में भाजपा 27 मंडल में बंटी हुई है। अन्य किसी मंडल में किसी तरह का असंतोष नहीं है। 23 अप्रैल के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी भाजपा कार्यकर्ता लगे हुए थे। 21 अप्रैल तक इन मंडल अध्यक्षों के पास कोई व्यवस्था नहीं थी। अचानक 22 अप्रैल को उनके द्वारा बताया गया कि 50 वाहनों की व्यवस्था की गई है।
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संजय मेहता, जिला प्रवक्ता अश्वनी तिवारी, जिला महामंत्री रविशंकर शर्मा, कोषाध्यक्ष टैगोर जी, प्रो. अटल बिहारी वाजजपेयी, राममनोहर पांडेय, आलोक दुबे, राकेश पांडेय, जितेंद्र कुशवाहा, प्रिंस पाठक, ओबरा मंडल अध्यक्ष पप्पू अग्रवाल उपस्थित रहे। मीडिया या सोशल मीडिया में अपनी बात न रखकर पार्टी फोरम पर रखनी चाहिए थी। इस्तीफा देना निंदनीय है।
जिला प्रवक्ता अश्विनी तिवारी ने बताया कि पार्टी के प्रावधान के अनुसार 15 दिन में पदाधिकारी समेत 61 सदस्यीय कमेटी व सात मोर्चा गठन के बाद कमेटी की सूची को जिलाध्यक्ष पटना प्रदेश कार्यालय को भेजेंगे। इसके बाद इन्हीं संयोजकों को अध्यक्ष की मान्यता मिल जाएगी।