Gaya Crime News:गया में पर्चा गिराकर नक्सलियों ने दी प्रतिबंधित जमीन नहीं खरीदने की हिदायत, लोगों के बीच दहशत
गया जिले के डुमरिया प्रखंड क्षेत्र के गई गांवों में भाकपा माओवादियों ने पर्चा गिराकर दहशत फैला दिया है। उसे पर्चे पर कई तरह की धमकी भरे शब्द हैं। पुलिस का कहना है कि पर्चे की जांच की जाएगी।
जेएनएन, गया। डुमरिया प्रखंड अंतर्गत्ा नारायणपुर पंचायत के हरनी समेत अन्य गांवों में शुक्रवार की रात भाकपा माओवादियों ने पर्चा गिराकर दहशत फैला दिया है। कालीदह, नारायणपुर, हरनी, रामपुर और खजुरा में पर्चा गिराकर महेंद्र यादव के ईंट भट्ठे को बंद करने का फरमान जारी किया है। झारखंड और बिहार राज्य की सीमावर्ती इस इलाके में लोग सहमे हुए हैं। पर्चे पर मध्य जोनल कमेटी लिखा हुआ है।
गौरतलब है कि हरनी निवासी महेंद्र यादव और रामदयाल रजक की हत्या भाकपा माओवादियों ने 28 अगस्त 2020 की रात गोली मारकर कर दी थी। उन दोनों पर प्रतिबंधित जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया था। अब फरमान जारी किया है कि महेंद्र यादव और रामदयाल रजक के ईंट भट्टा से ईंट नहीं खरीदें। साथ ही लोगों को झूठे केस में फंसाने पर आपत्ति दर्ज की है। मध्य जोनल कमेटी के परचे में भाकपा माओवादी के खिलाफ जाने वाले और पुलिस मुखबिरी करनेवालों को भी सचेत किया गया है।साथ ही प्रतिबंध लगाई गई जमीन खरीदने पर रोक लगा दी है। पर्चे में लिखा है कि जो भी ऐसी जमीन की खरीद-बिक्री करेगा, उसे दंडित किया जाएगा।
बता दें कि महेंद्र यादव और रामदयाल रजक की हत्या के बाद ग्रामीण इलाकों में अगस्त महीने के बाद भाकपा माओवादियों ने कई बार पोस्टर और पर्चा गिराया था। इमामगंज विधान सभा चुनाव के बाद नक्सली गतिविधियां पुनः तेज हो गई है। इस बीच एक बार फिर पर्चा फेंके जाने से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त हो गया है। बताया जाता है कि महेंद्र यादव और रामदयाल रजक की हत्या के पीछे भी जमीन का मामला था।हत्या की जिम्मेवारी भाकपा माओवादी ने ली थी।
इधर मैगरा थाना प्रभारी मनोज कुमार ने बताया कि पर्चा को जप्त कर लिया गया है। उसकी सत्यता की जांच की जा रही है। उन्होंने लाेगों से भयभीत नहीं होने की अपील की है। कहा है कि पुलिस पूरी तरह चौकस है।