कोरोना से ऐसे जंग जीतेगा नवादा, जब हर बार लौट रही अस्पताल बनाने की राशि, प्रशासन की नाकामी पड़ेगी भारी
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का एरिया काफी छोटा है। जहां मरीजों को रखने प्रसव वार्ड इमरजेंसी वार्ड संचालन समेत सरकारी अन्य उपकरण रखने में काफी दिक्कतें हो रही है। जिसकी जानकारी बार बार विभाग को दी जाती रही है।
संवाद सूत्र, सिरदला (नवादा)। भूमि की उपलब्धता नहीं होने के कारण सिरदला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन निर्माण नहीं हो पा रहा है। तीसरी बार 30 बेड के अस्पताल भवन निर्माण को आवंटित राशि लौट गई है। चिकित्सा प्रभारी डॉ. अजय कुमार चौधरी ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का एरिया काफी छोटा है। जहां मरीजों को रखने, प्रसव वार्ड, इमरजेंसी वार्ड संचालन समेत सरकारी अन्य उपकरण रखने में काफी दिक्कतें हो रही है। जिसकी जानकारी बार बार विभाग को दी जाती रही है।
अस्पताल के चारों तरफ की भूमि वर्तमान में डोनर व्यक्ति के खाता पर चले जाने के कारण अधिकांश भूमि की बिक्री हो गई है। जिसके कारण अस्पताल परिसर पूरी तरह से संकीर्ण हो गया है। यहां के कर्मी सिरदला, रजौली और नवादा आदि शहर-बाजार में किराए पर कमरा लेकर रह रहे हैं। वहीं से आकर ड्यूटी करते हैं।
स्थानीय बुद्धिजीवियों का मानना है कि जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन की उदासीनता के कारण अस्पताल भवन निर्माण को लेकर विभाग द्वारा आवंटित राशि पुन: लौट जा रही है, जबकि प्रखंड कार्यालय के समीप कृषि विभाग का भूमि करीब छह एकड़, पशुपालन विभाग का सरकारी भूमि करीब साढ़े चार एकड़ स्टेट हाईवे 70 के किनारे अवस्थित हैं। जहां अस्पताल का आलीशान भवन व कैंपस का निर्माण कराया जा सकता था। परंतु विभाग से जमीन ट्रांसफर कराना टेढ़ी खीर बना है।
आजतक स्थानीय किसी जनप्रतिनिधि ने इस ओर पहल नहीं किया है। जिसके कारण दो लाख आबादी वाला प्रखंड का अस्पताल छोटा सा जर्जर भवन में संचालित हो रहा है। जहां स्थानीय मरीजों को बेहतर सुविधा मुहैया नहीं हो पाता है। और न ही अस्पताल कर्मी सही से रहकर काम कर पाते हैं।
इस बाबत अंचल अधिकारी गुलाम सरवर ने बताया कि यह बात सच है कि सैकड़ों एकड़ भूमि पर पूर्व से ही कुछ लोग कब्जा कर रखे हैं। सिरदला मुख्यालय में एक जगह बिहार सरकार की तीन एकड़ भूमि उपलब्ध नहीं है। जो भी भूमि है विवादित होने के कारण रिपोर्ट नहीं किया जा सकता है। वहीं चिकित्सा प्रभारी डॉ अजय कुमार चौधरी व स्वास्थ्य प्रबंधक राजेश कुमार सिन्हा ने बताया कि संचालित अस्पताल का भवन काफी जर्जर है।
जहां अस्पताल कर्मियों को अपना कार्य निष्पादन करने, दवा स्टोर करने, दंत चिकित्सक का उपकरण रखने, आदि कई गंभीर समस्या से गुजरना पड़ रहा है। इसी इलाके से आने वाली जिला परिषद चेयरमैन ङ्क्षपकी भारती से कृषि विभाग की भूमि को अस्पताल के नाम पर स्थानांतरित कराने के लिए आवश्यक पहल करने की मांग स्थानीय बुद्धिजीवियों ने की है। ताकि प्रखंड स्तर का अपना भव्य अस्पताल भवन का निर्माण हो सके।