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नवादा: यूं ही नहीं होते सड़क हादसे, जब ऐसे चलेंगे ट्रैक्‍टर-ट्रॉली तो कोई नहीं रोक सकता दुर्घटनाओं को

प्रखंड क्षेत्र की सड़कों पर नियमों को ताक पर रखकर अवैध तरीकों से बिना परमिट और फिटनेस के ही ट्रैक्टर-ट्रालियां दौड़ रही हैं। हालत यह है कि जिन ट्रैक्टर व ट्रालियों को खेतीबाड़ी व सिंचाई के लिए सब्सिडी पर किसान खरीदता है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 03:57 PM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 03:57 PM (IST)
नवादा: यूं ही नहीं होते सड़क हादसे, जब ऐसे चलेंगे ट्रैक्‍टर-ट्रॉली तो कोई नहीं रोक सकता दुर्घटनाओं को
नवादा में नियमों को ताक पर रख हो रहा ट्रैक्‍टर का परिचालन। जागरण।

संवाद सूत्र, रोह (नवादा)। प्रखंड क्षेत्र की सड़कों पर नियमों को ताक पर रखकर अवैध तरीकों से बिना परमिट और फिटनेस के ही ट्रैक्टर-ट्रालियां दौड़ रही हैं। हालत यह है कि जिन ट्रैक्टर व ट्रालियों को खेतीबाड़ी व सिंचाई के लिए सब्सिडी पर किसान खरीदता है। उनका अधिकतर दुरुपयोग हो रहा है। गैर कानूनी रूप से बालू, पत्थर व ईटें ढोने में इनका प्रयोग हो रहा है।

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अक्सर चौराहों व बाजारों में सुबह से देर रात के समय काफी तादाद में ट्रैक्टर-ट्रालियां भवन बनाने के इस्तेमाल में आने वाली वस्तुओं को ढोकर इधर-उधर दौड़ते नजर आते हैं। जो पूरी तरह गैर कानूनी है। किसान केवल ट्रैक्टर-ट्राली का उपयोग खेतीबाड़ी संबंधी कार्यो के लिए कर सकता है। चूंकि यह निजी कार्य और गैर व्यावसायिक की श्रेणी में आता है। इसलिए इसके लिए परमिट की जरूरत नहीं होती है। लेकिन ऐसा कम ही देखने को मिलता है। ज्यादातर लोग पैसों के लालच में यातायात नियमों को ताक पर रखकर रेत व ईट ढोने में इनका उपयोग करते हैं जो पूरी तरह गैर कानूनी है। इस बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि ट्रैक्टर-ट्रालियां अवैध तरीके से बिना परमिट और फिटनेस के सड़कों पर दौड़कर हादसों को न्योता दे रही हैं।

किसी भी व्यवसाय के लिए उपयोग में आने वाले वाहनों को परमिट लेने की जरूरत होती हैं। चूंकि ट्रैक्टर-ट्राली इस श्रेणी में नहीं आते हैं। इसलिए इसको व्यावसायिक श्रेणी से बाहर रखा गया है। इसी वजह से इनकी हर वर्ष फिटनेस भी नहीं की जाती। अक्सर विभाग समय-समय पर अपने अधिकारियों के साथ शहर में चेकिंग के अभियान चलाकर ट्रैक्टर चालकों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं। लेकिन लचर कानून व्यवस्था होने से इनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है। क्षेत्र में इन दिनों बालु का कारोबार अबैध रुप से जमकर चल रहा है। और ऐसे ही ट्रैक्टर वाहन शहर की सड़को पर अवैध रेत से भरे हुए देखा जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में कई ऐसे टैक्टर वाहन हैं जो बिना कागजात ही वाहन मालिक कोई और चलाते कोई और हैं। वाहन मालिक के पास ऑनरबुक नहीं है यहां तक किसी दूसरे के यहां से खरीद लिए गए ट्रैक्टर को परिवहन विभाग के द्वारा ट्रंसफर नहीं किया हुआ है।

ऐसे लोगों के पास कोई दस्तावेज नहीं होते हैं फिर भी अवैध रूप से ट्रैक्टर सड़क पर दौड़ रहे हैं।आजकल ट्रैक्टर मालिक कागज पर रेवेन्यू टिकट चिपका कर क्षेत्र की लोकल सड़क पर सरपट दौड़ रहे है। इसकी जानकारी पुलिस और प्रशासन सहित खनन विभाग के आला अधिकारियों को होने के बाद भी चुप्पी साधे हुए है। प्रखंड क्षेत्र में दिनभर बालु ईट लिए हुए टैक्टर दौड़ते रहते हैं। इन ट्रैक्टर चालकों को न तो प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा रोका टोका जाता है और न ही इनसे वाहन  संबंधित कोई दस्तावेज मांगे जाते हैं।


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