सासाराम: भारतमाला परियोजना से जुड़ेंगे जिले के चार प्रखंड, बनेगा एक्सप्रेस वे, 42 गांवों से होकर गुजरेगा
इस परियोजना से जिले के चार प्रखंडों के 42 गांव जुड़ेंगे। सड़क निर्माण से इन गांवों में विकास कार्य तेज होंगे। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से भू-अर्जन के लिए राजस्व ग्राम रैयत उनकी दखल कब्जा लगान रसीद सर्वे खतियान से संबंधित सत्यापित रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
जागरण संवाददाता, सासाराम : रोहतास। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा भारत माला परियोजना फेज दो के तहत वाराणसी-रांची-कोलकता एक्सप्रेसवे का निर्माण के लिए विधिवत प्रारूप तैयार कर लिया गया है। इस परियोजना से जिले के चार प्रखंडों के 42 गांव जुड़ेंगे। अधिकांश गांव यातायात व अन्य दृष्टि से काफी पिछड़े हैं। सड़क निर्माण से इन गांवों में विकास कार्य तेज होंगे। परियोजना के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से भू-अर्जन के लिए राजस्व ग्राम, रैयत, उनकी दखल कब्जा, लगान रसीद, चक या सर्वे खतियान से संबंधित सत्यापित रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
जिला भू- अर्जन पदाधिकारी राजेश कुमार गुप्ता के अनुसार प्रस्तावित एक्सप्रेसवे के लिए चयनित राजस्व ग्रामों की संशोधित सूची तैयार कर एनएचएआइ को भेज दी जाएगी। इसके बाद जमीन अधिग्रहण कर निर्माण कार्य शुरू होगा।
इस परियोजना से चार प्रखंड के 42 गांवों को लाभ :
यह सड़क उत्तर प्रदेश के वाराणसी से शुरू होकर कैमूर होते हुए जिले के चेनारी, शिवसागर, सासाराम व तिलौथू होते हुए झारखंड के रास्ते पश्चिम बंगाल के कोलकाता से जुड़ेगी। इस परियोजना से जुड़ने वाले गांवों में चेनारी प्रखंड का निसिजा से जुड़ते हुए लांजी, बीरनगर, चरही, हाता, नारायणपुर, केनारकला, सेमरी, सहंसि, बेंसिल, रघुनाथपुर, सरेन होते हुए कुल 19 गांवों, शिवसागर प्रखंड के केनार खुर्द, सिकरौर, मझुईं, खुढ़नु, चोर, चेनारी, करमा, कोनकी, दरिगांव, टेकारी, तेंदुआ, मुरही होते हुए 15 गांवों, सासाराम प्रखंड के कौरिया, घरबैर, पालनगढ, गोरिया व महुआ डिहरा समेत पांच गांव तथा तिलौथू के बेलवई, शिवपुर कैथी के रास्ते झारखंड से जुड़ेगा। यह राजमार्ग एनएच दो के ही सवरूप का लेकिन उससे बिलकुल अलग होगा।
क्या है परियोजना :
प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट भारतमाला योजना की शुरुआत 2015 में शुरू की गई थी। इस प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग, अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़े प्रदेशों, पर्यटन स्थल एवं धार्मिक स्थल समेत ग्रामीण इलाके जो पिछड़े हुए हैं उन्हें राष्ट्रीय राजमार्गों से जोड़ना है। भारत माला परियोजना के तहत बन रहा वाराणसी-रांची- कोलकाता एक्सप्रेसवे चार राज्यों से होकर गुजरने वाला लगभग 575 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस वे है। इस परियोजना से होकर गुजरने वाले गांवों ग्रामीणों में इसको लेकर खासा उत्साह है। चेनारी प्रखंड के रघुनाथपुर के ग्रामीण विष्णुशंकर चौबे ,नारायण पुर अरविंद सिंह, केनारकला के लोकनाथ साह के अनुसार गांव में फोरलेन बन जाने से काफी सहूलियत मिलेगी। गांवों में भी रोजगार के नए अवसर बनेंगे।