नवादा के सजायाफ्ता कैदी की मौत, स्वजनों ने लगाया आरोप
-जेल अधीक्षक ने कहा- मेडिकल कॉलेज में इलाज के क्रम में कैदी की हुई मौत -कैदी को विस्फोटक पदार्थ अधिनियम में मिली थी सात वर्ष की सजा एक वर्ष पहले आया था गया कारा -स्वजनों ने लगाया लापरवाही बरतने का आरोप पोस्टमार्टम के बाद परिवार को सौंपा गया शव ------------- जागरण संवाददाता गया
गया । केंद्रीय कारागार गया में रविवार की रात सजायाफ्ता कैदी शिवबालक राजवंशी की मौत हो गई। मौत का कारण बीमारी बताया जा रहा है। मृतक नवादा जिले के गोविंदपुर थाना क्षेत्र के बकसौती गांव का रहने वाला था। इस पर गोविंदपुर थाने में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत कांड संख्या 31/2000 दर्ज था। नवादा कोर्ट ने उसे सात वर्ष की सजा सुनाई थी। एक साल पहले 17 फरवरी 2019 को वह नवादा जेल से गया केंद्रीय कारा में सजा काटने के लिए भेजा गया था। रविवार की शाम को उसकी अचानक तबियत खराब हो गई। कारा अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया। जहां चिकित्सक ने इलाज किया, लेकिन उसकी अचानक तबियत बिगड़ने लगी। इस कारण उसे अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई। जेल अधीक्षक राजीव कुमार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उन्होंने साफ तौर इन्कार किया कि उसकी मौत जेल परिसर में हुई है। कैदी के बीमार होने पर पहले कारा अस्पताल में इलाज कराया गया। उसके बाद मेडिकल कॉलेज लाया गया था। जहां इलाज के क्रम में मौत हो गई।
उधर, मेडिकल कॉलेज पहुंचे स्वजनों का कहना है कि बीमार रहने की सूचना परिजनों को नहीं दी गई। समय पर उन्हें समुचित इलाज नहीं कराया गया। इलाज में जेल प्रशासन ने लापरवाही बरती है। समय रहते उसे मेडिकल कॉलेज में बेहतर इलाज कराने के लिए भर्ती नहीं कराया गया। स्वजनों ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।