पंडित गोपाल लाल सिजुआर की पुण्यतिथि पर बही गीत-संगीत की सरिता, काव्य रस में डूबे श्रोता
गया केसिजुआर भवन में प्रसिद्ध गयापालगोपाल लाल सिजुआर की नौवीं पुण्यतिथि का आयोजन किया गया। उनके पुत्र पंडित राजन सिजुआर ने इसका आयोजन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पंडित बालमुकुंद ने की। संचालन किया डॉ राजीव रंजन पाठक ने।
जागरण संवाददाता, गया। शहर के चांद चौरा - मंगलागौरी स्थित सिजुआर भवन में गया के प्रसिद्ध गयापाल कवि - साहित्यकार गोपाल लाल सिजुआर की नवम् पुण्यतिथि का आयोजन किया गया। उनके पुत्र संगीतकार पंडित राजन सिजुआर की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पंडित बालमुकुंद ने की। संचालन किया डॉ राजीव रंजन पाठक ने। इसमें बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए।
पंडितजी के व्यक्तित्व पर डाला प्रकाश
कार्यक्रम में गीत-संगीत के साथ ही काव्य रस भी भी प्रवाहित हुआ। देर तक श्रोता उसमें गोते लगाते रहे। कार्यक्रम में सर्वप्रथम माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन किया गया। इसके बाद पंडितजी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा की गई। डॉ युगल किशोर प्रसाद, डॉ सच्चिदानंद प्रेमी और डॉ राकेश कुमार सिन्हा रवि ने भाग उनसे जुड़े संसमरणों की चर्चा की। कहा कि उनका व्यक्तित्व जितना सहज था, वह आज भी अनुकरणीय है। ऐसे लोगों के आदर्श आज भी प्रासंगिक हैं।
कवि गोष्ठी में बही काव्य की रसधार
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका श्रीगणेश बुजुर्ग साहित्यकार रामपुकार राठौर ने किया। कवि गोष्ठी में सतीश कुमार, जावेद हुसैन परदेसी, मनोज मिश्र, कृष्णा कुमार, पंडित अभयानंद मिश्र, डॉ योगेंद्र उपाध्याय, सुमंत, रामपरेखा सिंह, कुमार कांत, पंडित गोपाल लाल महतो, गजेंद्र लाल अधीर, रामवतार सिंह, कन्हैया लाल मेहरवार, अरविंद कुमार, शिववचन सिंह , डॉ रामसिंहासन सिंह, राम नागिन सिंह ने अपनी रचनाओं से माहौल को पूरी तरह से काव्यमय कर दिया। उनकी कविताओं और गजलों ने खूब वाहवाही बटोरी।
आयोजन में मंच पर डॉ रामकृष्ण पंडित, पंडित बालमुकुंद और डॉ राम सिंहासन सिंह के साथ पंडित कन्हैयालाल मेहरवार, अरविंद कुमार, शिववचन सिंह,उपेंद्र सिंह, मणिलाल आत्मज, सुरेंद्र सिंह सुरेंद्र सहित शहर के अनेक गणमान्य उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम के बाद शास्त्रीय संगीत का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। गीत संगीत कार्यक्रम में राजन सिजुआर ने दादरा एवं ठुमरी की प्रस्तुति की। एक से बढ़कर एक शास्त्रीय गीतों का लोगों ने भरपूर आनंद उठाया।