Move to Jagran APP

मम्मी जी ने दिखायी मानवता, गया सेंट्रल जेल में बंद महिला कैदियों व बच्चों के बीच बांटी स्वेटर और कंबल

अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल बोधगया स्थित मम्मी जी एजुकेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा बुधवार को गया सेंट्रल जेल के महिला वार्ड में ट्स्ट की संचालिका डॉ. जेने पेरे उर्फ मम्मी जी जेल में बंद महिला कैदियों व उनके बच्चों के बीच गर्म कपड़े का वितरण किया।

By Prashant KumarEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 04:26 PM (IST)Updated: Wed, 30 Dec 2020 04:26 PM (IST)
मम्मी जी ने दिखायी मानवता, गया सेंट्रल जेल में बंद महिला कैदियों व बच्चों के बीच बांटी स्वेटर और कंबल
गया सेंट्रल जेल में कंबल और स्‍वेटर वितरित करते लोग। जागरण।

जागरण टीम, गया। अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल बोधगया स्थित मम्मी जी एजुकेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा बुधवार को गया सेंट्रल जेल के महिला वार्ड में  ट्स्ट की संचालिका डॉ. जेने पेरे उर्फ मम्मी जी जेल में बंद महिला कैदियों व उनके बच्चों के बीच गर्म कपड़े का वितरण किया। उस दौरान उन्होंने कंबल, स्वेटर, गर्म कपड़े सहित खाने-पीने आदि सामानों का वितरण किया।

loksabha election banner

बता दें कि संस्था की संचालिका डॉ. जेनी पेरे उर्फ मम्मी जी हैं, और उनके द्वारा ऐसे सामाजिक कार्य लगातार अनगीनत किए जाते रहे हैं। गरीबों के प्रति उनका प्रेम पहले ही जगजाहिर है। अब वे जेल में बंद बंदियों के बीच भी अपनी सेवा भावना दिखा रही। गया सेंट्रल जेल में बंद महिला बंदियों और उनके बच्चों के बीच ठंढ़े वस्त्र एवं खिलौनें दिए गए। स्वेटर, कंबल, खाने पीने का सामान, मास्क एवं बच्चों के खिलौनें आदि सामानों का वितरण से कारा की इन बंदियों में काफी खुशी एवं उत्साह दिखी।

इस दौरान जेल अधीक्षक बीके अरोरा, जेल उपाधीक्षक रामानुज राम, चैरिटेबल ट्रस्ट के सचिव मुन्ना पासवान आदि मौजूद थे। शायद यह पहला मौका है, जब जेल में इस तरह का सामाजिक सरोकार से भरा काम किसी संस्था द्वारा किया गया है। वहीं उस दौरान मम्मी जी ने कहा कि जेल में इतने छोटे बच्चों के बारे में अपनी माताओं के साथ सुनने का दुख उस समय होता है जब दुनिया में दूसरों को उपहार और स्वतंत्रता मिलती है।

यह हमारे लिए हानिकारक है और यह दिल टूटने के साथ है कि हम उनके खराब बचपन, अव्यवस्थित, खुशियों और खेल से वंचित और मातृ सुरक्षा के बारे में सोच रहे हैं जो एक बच्चा उस उम्र में आनंद ले सकता है। वे ठंड और परेशानी से पीड़ित हैं, उनकी माताओं को ऐसी स्थिति में ध्यान और देखभाल देना मुश्किल है क्योंकि वे खुद जेल में बहुत अधिक समस्याओं और प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं। और यह मेरा सौभाग्य है, कि मेरे द्वारा इस तरह का सहायता प्रदान केंद्रीय कारा में किया गया।

अतः मैं जेल प्रशासन को सहयोग के लिए धन्यवाद देती हूं। वहीं ट्रस्ट के सचिव मुन्ना पासवान ने भी कहा कि मैं काफी गर्व महसूस कर रहा हूं कि जेल में बंद असहाय एवं बच्चों के बीच आने का मौका मिला। उन्होनें यह भी कहा कि अगर जेल प्रशासन का सहयोग रहा तो भविष्य में हमारे संस्था द्वारा बराबर इस तरह की सहायता प्रदान किया जाएगा। ट्रस्ट का सचिव मुन्ना पासवान का यह भी कहना है कि उनका प्रयास रहेगा कि फ्राँस में रहनेवाले सहयोगीयों से बात करके फ्रेंच भाषा की भी क्लास केंद्रीय कारा गया सेंट्रल जेल  में उन बंदियों के बच्चों के बीच उपलब्ध कराया जा सके, अगर जेल प्रशासन सहमति और सहयोग की अपेक्षा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.