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Pitripaksha in Gaya: गया में मिनी पितृपक्ष मेला शुरू, 14 जनवरी तक चलेगा तर्पण और पिंडदान का सिलसिला

पौष महीने में चलने वाला पितृपक्ष मेला 31 दिसंबर को शुरू हो गया है। यह 14 जनवरी तक चलेगा। इस बार कोरोना की वजह से पिंडदानियों की संख्‍या काफी कम है। इस कारण पिंडवेदियों पर सन्‍नाटा पसरा हुआ है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Fri, 01 Jan 2021 09:14 AM (IST)Updated: Fri, 01 Jan 2021 09:14 AM (IST)
फल्‍गू नदी के रेत पर पिंडदान करते लोग। जागरण

जागरण संवाददाता, गया। मोक्ष की भूमि गया में पितृपक्ष मेला शुरू हो गया है। वर्ष में दो बार लगने वाले पितृपक्ष मेला में से पौष माह के आयोजन को मिनी पितृपक्ष कहा जाता है। अपने पितरों को मोक्ष की कामना लेकर पिंडदानी पहुंचने लगे हैं। फल्‍गू नदी में पिंडदान और तर्पण किया जाने लगा है।  हालांकि अभी पिंडदानियों की संख्‍या कम है। यह मेला 31 दिसंबर से शुरू होकर 14 जनवरी तक चलेगा।

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सनातन धर्म में गया का अहम स्‍थान

हिंदू धर्म में गया को काफी अहम स्‍थान दिया गया है। मान्‍यता है कि यहां पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसको लेकर हर दिन 3 से चार हजार श्रद्धालु पिंडदान के लिए गया पहुंचते हैं। मालूम हो कि गया में पितृपक्ष मेला आश्विन और पौष महीने में होता है। आश्विन के पितृपक्ष में यहां पिंडदानियों का तांता लगा रहता है। लाखों लोग पिंडदान करते हैं। इस मिनी पितृपक्ष में फिलहाल कम लोग आ रहे हैं। इस कारण पिंड वेदी पर सन्नाटा छाया हुआ है। मिनी पितृपक्ष में सबसे अधिक पिंड दान मकर सक्रांति के अवसर पर गंगासागर स्नान करने वाले करते हैं। वे गंगासागर जाने के क्रम में गया धाम में पितरों की मुक्ति को लेकर पिंड दान एवं फल्गु के पवित्र जल से तर्पण करते हैं। गयापाल पुरोहित महेश लाल गुप्त ने कहा कि कोरोना को लेकर काफी कम संख्या में पिंडदानी आ रहे हैं। 

पिंड वेदियों पर पसरा है सन्नाटा

मिनी पितृपक्ष मेला में काफी कम संख्या में पिंडदानयों के आने से शहर में स्थित पिंडवेदियों पर सन्नाटा पसरा है। इक्के-दुक्के पिंडदानी देवघाट पहुंच रहे हैं। वे फल्गु की रेत पर पिंडदान कर रहे हैं। उधर अक्षयवट, सीता कुंड, प्रेतशिला, रामशिला, कागबली, उत्तर मानुष सहित कई पिंडवेदियों पर सन्नाटा पसरा है।

उत्तर भारत के कई राज्यों से आते थे पिंडदानी

मिनी पितृपक्ष मेला में भारत के कई राज्यों पिंडदानी आते थे। सबसे अधिक हरियाणा, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश आदि राज्‍यों के लोगों का आना होता था। अब देखना है कि आने वाले समय में भीड़ बढ़ती है या नहीं। 


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