Mask Scam: दाउदनगर में बंट गए 32 लाख के मास्क, किसे मिले पता नहीं, इंटरनेट मीडिया पर हल्लाबोल
कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए जिस मास्क को सरकार वैज्ञानिक चिकित्सक सभी जरूरी बता रहे हैं वही दाउदनगर प्रखंड में विवादों से घिरा हुआ है। मास्क वितरण को लेकर सोशल मीडिया में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं।
[उपेंद्र कश्यप] दाउदनगर (औरंगाबाद)। कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए जिस मास्क को सरकार, वैज्ञानिक, चिकित्सक सभी जरूरी बता रहे हैं, वही दाउदनगर प्रखंड में विवादों से घिरा हुआ है। मास्क वितरण को लेकर सोशल मीडिया में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं। इस मामले में दैनिक जागरण ने सभी आयाम तलाशने की कोशिश की।
अकोढा पंचायत के मुखिया कुणाल प्रताप ने बताया कि उन्हें मास्क नहीं मिला है। कई अन्य लोग इंटरनेट मीडिया पर यह कह रहे हैं कि उन्होंने कहीं मास्क वितरण होते नहीं देखा। उनके गांव में मास्क नहीं मिला, जबकि ताजा आंकड़ा बताया गया है कि 70 हजार मास्क जीविका दीदी ने बनाकर ग्राम पंचायतों में वितरण के लिए उपलब्ध कराया है। इसमें 66 हजार का वितरण किया जा चुका है।
जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायतों से दो लाख 13 हजार मास्क की मांग की गई है। यह संख्या पंचायत सचिवों द्वारा किए गए सर्वे के आधार पर तय की गई है। इतने मास्क की खरीद पर 31 लाख 95 हजार रुपये कुल खर्च होना है, क्योंकि प्रत्येक मास्क की खरीददारी 15 रुपये में करनी है।
भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच बीडीओ मो. जफर इमाम ने साफ कहा कि इस पूरे प्रकरण में उनकी भूमिका कहीं नहीं है। सीधा मामला मुखिया व पंचायत सचिवों के साथ जीविका दीदी से जुड़ा है। बताया कि ग्राम पंचायतों को जीविका दीदी से मास्क की खरीदारी करनी है। जिसका भुगतान डोंगल के माध्यम से डिजिटल सिग्नेचर कर मुखिया और संबंधित पंचायत के सचिव द्वारा ऑनलाइन किया जाना है। उन्होंने कहा कि मामला ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का है। इसमें किसी भी तरह का हस्तक्षेप बीडीओ द्वारा नहीं किया जा सकता। ऐसे में बीडीओ पर आरोप लगाना जानकारी का अभाव मात्र है।
सोमवार को प्रखंड विकास पदाधिकारी मो. जफर इमाम ने मास्क वितरण से जुड़ी ताजा जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 70 हजार मास्क प्राप्त हुए है। जिसमें से 66 हजार का वितरण पंचायतों में कर दिया गया है और 4 हजार शेष बचे हैं।
प्राप्त डाटा के अनुसार, अंछा पंचायत में चार हजार, अंकोढ़ा पंचायत दो हजार में से 1500, अरई पंचायत में 4 हजार में 3500, बेलवां पंचायत में 3800 में से 3400, चौरी पंचायत में 4000 की जगह 35 सौ, गोरडीहा पंचायत में 4000 की जगह 3600, कनाप पंचायत में 8000 की जगह 7800, कर्मा पंचायत में 3500, महावर पंचायत में पांच हजार में से 4500, मनार में पांच हजार, संसा पंचायत में छह हजार की जगह 5700, सिंदुआर पंचायत में 3200 की जगह 2900, शमशेर नगर पंचायत में चार हजार, तरार में 7000 की जगह 6800, तरारी पंचायत में 6500 में 6300 मास्क का वितरण किया जा चुका है।
मास्क बनाने और वितरण करने वाले कोरोना पॉजिटिव
मास्क बनाने में लगी जीविका दीदियों में कुछ कोरोना पॉजिटिव हो गई हैं, जबकि वितरण करने वाले कुछ कर्मी भी संक्रमण की चपेट में आ गए। इस कारण मास्क के निर्माण और वितरण में समय लग रहा है। दूसरी तरफ लॉकडाउन के कारण मास्क के लिए जरूरी कपड़ा धागा भी जीविका संगठनों को नहीं मिल रहा है। निर्माण में देरी की ये भी एक बड़ी वजह है।