Move to Jagran APP

ऐतिहासिक काबर गांव में पानी, सड़क व स्वास्थ्य सुविधा बदहाल

गया। बाब्बन सुब्बा के गढ़ के नाम से प्रचलित पौराणिक गाव काबर में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Sep 2019 10:10 PM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 10:10 PM (IST)
ऐतिहासिक काबर गांव में पानी, सड़क व स्वास्थ्य सुविधा बदहाल

गया। बाब्बन सुब्बा के गढ़ के नाम से प्रचलित पौराणिक गाव काबर में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। सिंचाई के अभाव में 4,484 एकड़ रकवा वाले गाव में 25 प्रतिशत भी रोपनी नहीं हो सकी। जिससे किसानों में मायूसी छाई है। भूजल का स्तर भी नीचे चला गया है। चापाकल एक भी नहीं चल रहा है। दो चार की संख्या में सबर्सिबल मोटर पंप है। जिससे लोग पानी पी रहे हैं।गाव मे वार्ड संख्या आठ और नौ में नल जल योजना क्रियान्वित है, पर नली गली के स्थिति दयनीय है। ठाकुरबाड़ी से बंगला कुआ होते हुए रामबली पासवान के घर तक नाली नहीं बनने, गोरैया स्थान से बाजार तक नली गली नहीं बनने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। चक्रधर पाठक से मस्जिद तक व मो. गफ्फार के घर से गनौरी मिस्त्री के घर तक नली गली की स्थिति बेहद ही खराब है। इधर तीन चार दिनों से हो रही बारिश के बाद लोगों को पैदल चलना मुश्किल हो गया है। वार्ड क्रियान्वयन समिति ने लक्ष्मी भवन से बाले पासवान के घर तक पीसीसी सड़क के निर्माण पर लोग सवालिया निशान लगाते हैं। ग्रामीण विशाल पासवान, सुभाष पासवान, बब्लू पासवान आदि कहते हैं योजना में अनियमितता बरती जा रही है। स्वास्थ्य के नाम पर गाव में दो दशक पूर्व छह बेड वाले अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र बना। जो निजी भवन में संचालित है। आजतक एक भी चिकित्सक केंद्र पर नहीं आए। ग्रामीणों ने बताया अस्पताल के लिए जमीन उपलब्ध है पर भवन नहीं बन सका।

loksabha election banner

-----

'विधायक अभय कुशवाहा ने बाब्बन सुब्बा के गढ़ पर स्टेडियम का निर्माण कराया। सूर्यमंदिर पोखरा के घाट बनवाए, चापाकल लगाया। डम्मर बिगहा से धर्मपुर तक सड़क बनवाकर सराहनीय कार्य किया।

सुनिल यादव, ग्रामीण

'आवास योजना के सहायक व उसके दलाल 20 से 25 हजार रुपये लेकर लोगों के घर बनवा रहे हैं। जिससे लाभार्थियों को मकान बनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

मुकेश पाठक, ग्रामीण 'रोजगार सेवक व उसके सहयोगी शौचालय निर्माण के बाद प्रोत्साहन राशि दिलाने के नाम पर दो हजार रुपये लिए। बावजूद यह राशि लोगों को नहीं मिली है। जिला पार्षद के मद से गांव में एक भी कार्य नहीं हो पाया है।

अजय चौधरी, ग्रामीण

काबर गांव में राईस मिल बनाया गया। जिसमें 1620 क्विंटल चावल एसएफ सी को सुपूर्द किया गया है। जो जिला में अव्वल है।

चंद्रदेव यादव, ग्रामीण 'बिजली विभाग द्वारा बीपीएल परिवार के घरों में दस हजार रुपये का बिल भेजा गया है। जबकि घर फूस का बना है। घर में केवल एक बल्ब ही जलता है। शिकायत करने पर भी सुनवाई नहीं होती। रवींद्र पासवान, ग्रामीण 'उत्तर कोयल नहर गाव के पश्चिम से ही गुजरी है। किसानों के नहर खोदाई में काफी जमीन चली गई है। बावजूद नहर का पानी गांव के किसानों को नहीं मिल रहा है। किसान परेशान हैं। उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अलखदेव पासवान, ग्रामीण ---

गाव का इतिहास काबर गढ़ बहुत ही पौराणिक गाव है। जिसमें बाब्बन सुब्बा के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि बाब्बन सुब्बा एक राजा थे। जो अपनी बेटी पनवा के शादी रोहतास के राजा कुअंर विजयी मल से किया था। ऐसी मान्यता है कि विवाह के समय बाब्बन सुब्बा ने बारात आने के पहले ऐसा शर्त रखा गया था कि बावन हजार बारात लाना पडे़गा। जिस पर कुअंर विजयी मल के पिता राजा टोडरमल ने शर्त मान ली थी। जब बारात पहुंची तो गिनती में दो चार बारात कम गए। तब सभी बरातियों को बाब्बन सुब्बा ने जेल में डाल दिया था। दुल्हा बने कुअंर विजयी मल को किसी तरह घोड़ा पर बिठाकर ले भागने में कामयाब हो गए। शादी के समय मात्र उसकी उम्र पाच साल बताई जाती है। जब कुअंर विजय धीरे धीरे बड़ा हुआ। एक दिन वह अस्सी मन के गुल्ली व चौरासी मन के डंडा से रोहतास में खेल रहे थे। गुल्ली आकर बाब्बन सुब्बा के घर पर जा गिरा और सुब्बा किला का एक हिस्सा ध्वस्त हो गया। तब उसके साथियों ने कहा कि तू बड़ा योद्धा है। अपने भाई बाप व सभी को जेल से मुक्त कराओ। जो तुम्हारा शादी में गये थे तो वहां बंधक बना लिया गया था। कथा कहानी के अनुसार तब कुअंर विजयी काबर में आया। युद्ध कर किला को ध्वस्त करते हुए सभी को जेल से मुक्त कराया। ऐसा माना जाता है कि बाब्बन सुब्बा नाम इसलिए पड़ा कि उक्त राजा केघर बावन किला में था। जिसमें बावन आगन, बावन पोखरा आदि थे। इसकी कारण से इसका नाम बावन सूबा पड़ा। जिसे लोग अपनी भाषा में बाब्बन सुब्बा नाम दे दिया।

प्रस्तुति: नागेंद्र कुमार राही

मोबाइल नंबर 7372833671


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.