शराब मामले में बड़ी कार्रवाई, नवादा के तीन पुलिस अधिकारियों व एक सिपाही को किया गया बर्खास्त
शराब धंधेबाजों से मिलीभगत और शराबबंदी मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में तीन पुलिस अधिकारी व एक सिपाही को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। कई अन्य पुलिस वालों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
नवादा, संवाद सहयोगी। जिले में जहरीली शराब (Poisonous Liquor) से 15 लोगों की मौत के बीच एक बड़ी खबर आई है। शराबबंदी कानून को लागू करने में लापरवाही बरतने के आरोप में तीन पुलिस अफसरों और एक सिपाही समेत कुल चार पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त (Dismiss) कर दिया गया है। शराब से संबंधित मामलों में लापरवाही को लेकर बड़ी कार्रवाई की गई है। इन सभी पर पूर्व के मामले में विभागीय कार्रवाई चल रही थी। इसके बाद पुलिस मुख्यालय की तरफ से यह कार्रवाई की गई है। सेवा से बर्खास्त किए गए पुलिस अफसरों में एएसआइ संजय कुमार-2, एएसआइ देवेंद्र कुमार, प्रशिक्षु अवर निरीक्षक रतन रजक और सिपाही मुकेश कुमार सिंह का नाम शामिल है। नवादा एसपी धूरत सयाली सावलाराम ने इसकी पुष्टि की है।
मद्य निषेध कानून को लागू करने में बरती लापरवाही
बिहार पुलिस मुख्यालय मद्य निषेध प्रभाग के अनुसार ऐसे पुलिस अफसरों व सिपाहियों पर मद्य निषेध कानून को लागू करने में लापरवाही बरतने का आरोप है। दर्ज प्राथमिकी एवं विभागीय कार्रवाई के बाद उन्हें बर्खास्त किया गया है। पत्र के मुताबिक राज्य के 211 पुलिस अफसरों व कर्मियों को बर्खास्त किया का चुका है। संबंधित जिलों के एसपी से बर्खास्त किए गए पुलिस अफसरों व कर्मियों के संबंध में पूरा ब्योरा मांगा गया है। हालांकि पत्र में नवादा जिले के छह अफसरों व सिपाहियों को बर्खास्त किए जाने का जिक्र है। लेकिन, स्थानीय स्तर पर चार के नाम की ही पुष्टि की गई है।
ड्यूटी के दौरान लगे थे गंभीर आरोप
गौरतलब है कि एएसआइ संजय कुमार-2 और एएसआइ देवेंद्र कुमार सिरदला थाना में पदस्थापित थे। स्वाट दस्ता ने दो शराब धंधेबाजों को पकड़ कर सुपुर्द किया था। लेकिन इन लोगों ने रुपये लेकर दोनों को छोड़ दिया। इस मामले में 23 दिसंबर 2020 को तत्कालीन एसपी हरि प्रसाथ एस ने दोनों को निलंबित कर दिया था। उन दोनों पर प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी। संजय उस वक्त सिरदला के प्रभारी थानाध्यक्ष थे। वहीं बुंदेलखंड थाना के ओपी प्रभारी साजिद अख्तर, प्रअनि रतन रजक को शराब मामले में 10 नवंबर 2018 को निलंबित कर दिया था। इन पर कार से शराब लेकर जा रहे एक धंधेबाज से रुपये वसूलने के लिए चार घंटे तक रोके रखने का आरोप था। कार में 430 पाउच मसालेदार व 43 पाउच देसी झारखंड निर्मित शराब थी।
कई और अफसरों पर गिर सकती है गाज
शराब मामले में लापरवाही को लेकर कई अन्य पुलिस अफसरों पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है। बर्खास्त किए गए पुलिस अफसरों के अलावा अन्य पर शराब धंधेबाजों का आरोप लगा है। जिसमें उन्हें निलंबित किया गया था। कुछ वर्षों पूर्व नरहट, गोविंदपुर थाना में पदस्थापित रहे पुलिस अफसरों पर शराब धंधेबाजों को रुपये लेकर छोड़ देने का आरोप लगा था। उन्हें निलंबित कर विभागीय कार्रवाई चल रही है। ऐसे में आशंका है कि उन पुलिस अफसरों पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है।
पुलिस पर लगता रहा है आरोप
शराबबंदी कानून को लागू कराने में लापरवाही का आरोप पुलिस पर लगता रहा है। लोगों का मानना है कि पुलिस की मिलीभगत से ही शराब धंधेबाज फल-फूल रहे हैं। शुभ-लाभ के फेर में पुलिस धंधेबाजों पर कार्रवाई नहीं करती है। ऐसे में पुलिस मुख्यालय की यह कार्रवाई लोगों के आरोपों की पुष्टि करती दिख रही है। हालिया दिनों पर गौर करें तो शराब से मौत के बाद जिस प्रकार पुलिस हरकत में आई, उससे धंधेबाजों पर शामत आ गई है। अगर यही कार्रवाई पहले की गई होती तो शायद लोगों की जान बच जाती।