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गया शहर में आज खिलेगा कमल या पंजे का होगा स्वागत

11 दिन का इंतजार आज खत्म हुआ। गया शहर विधानसभा क्षेत्र में 27 उम्मीदवारों के बीच जीत-हार का फैसला गया कालेज में मंगलवार को होगा। इस दिन का इंतजार पार्टी प्रत्याशी से लेकर आम जनता को उत्‍सुकता से है।

By Edited By: Published: Tue, 10 Nov 2020 08:22 AM (IST)Updated: Tue, 10 Nov 2020 09:35 AM (IST)
गया शहर में आज खिलेगा कमल या पंजे का होगा स्वागत
मतगणना को लेकर लोगों के बीच उत्‍सुकता।

जेएनएन, गया। 11 दिन का इंतजार आज खत्म हुआ। गया शहर विधानसभा क्षेत्र में 27 उम्मीदवारों के बीच जीत-हार का फैसला गया कालेज में मंगलवार को होगा। इस दिन का इंतजार पार्टी प्रत्याशी से लेकर आम जनता को है। खासकर गया शहर के मतदाताओं ने वोट चाहे किसी पार्टी को दिया हो। लेकिन वो खुद आश्वस्त नहीं हैं कि जीत उनकी होगी या नहीं। इसे टफ कंटेस्ट कहते हैं। एक-एक वोट पर जीत और हार का दाव लगेगा। डॉ. प्रेम कुमार छात्र आंदोलन से अपनी राजनीति शुरू की और फिर पहली बार 1990 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े। सीपीआइ के शकील अहमद को पराजित किया और तब से भाजपा का विजयी पताका 2015 तक चलता रहा। इस दौरान भाजपा ने पांच बार सीपीआइ के और दो बार कांग्रेस के प्रत्याशी को पराजित किया। 2020 का चुनाव भाजपा के लिए भी उतनी आसान नहीं दिखती। चूकि भाजपा के सामने कांग्रेस की दमदार उपस्थिति सबको आश्चर्य में डाला है। चित और पट तो आज हो ही जाएगा। कांग्रेस के उम्मीदवार ओंकार नाथ श्रीवास्तव उर्फ मोहन श्रीवास्तव शहर का जाना-माना नाम है। शहर के हर गली और नुक्कड़ों पर उनको परिचय देने की जरूरत नहीं। उन्होंने भी राजनीति की सीख दिल्ली की दरबार से ली। जनता दल के सांसद स्व. राजेश कुमार के निजी सचिव के रूप में राजनीति गलियारे में पहुंचे। उसके बाद स्व. भागवती देवी और सांसद के रूप में रहे डॉ. सुरेन्द्र प्रसाद यादव के साथ भी रहे हैं। फिर 2007 में नगर निगम में वार्ड पार्षद का चुनाव जीत कर डिप्टी मेयर की कुर्सी संभाली। जो 13 वर्ष से लगातार उस कुर्सी पर आसीन हैं। 2020 के चुनाव में श्रीवास्तव ने कांग्रेस के टिकट पर कांग्रेस जनों को और सहयोगी पार्टियों को एकजुट करने का काम किया। सबों ने साथ दिया और भाजपा को टक्कर दी। इतना होने के बावजूद भी चित और पट के बारे में फैसला आज गया कॉलेज में होगा। 28 अक्टूबर को हुए मतदान में गया शहर में 54 प्रतिशत वोट डाले गए। जिसमें 45 प्रतिशत महिलाओं ने वोट डाले और 53.62 प्रतिशत पुरुष मतदाताओं ने अपने मतों का प्रयोग किया था। ऐसा माना जाता है कि शहर में मतदाता खुलकर वोट नहीं किए। जिससे कि मतदान का प्रतिशत कम रहा। जिले का सबसे कम महिला मतदाता शहर में मतदान करने निकली। मतदान के दिन बूथों के भ्रमण में यह भी साफ देखने को मिला की छिटपुट मतदान सब जगह हो रहा था। लोगों की बातचीत एक समान थे। मतदाता चुप थे। लेकिन वोट सभी को बराबर पड़ रहा था। अब यह बराबर का सीन ईवीएम से निकलेगा।

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राजनीतिक प्रोफाइल

वर्ष नाम दल मिले मत

1990 प्रेम कुमार भाजपा 27816, शकील अहमद सीपीआइ 22856, जय कुमार पालित कांग्रेस 15675

1995 प्रेम कुमार भाजपा 33705, मसउद मंजर सीपीआइ 26594, जय कुमार पालित कांग्रेस 23076

2000 प्रेम कुमार भाजपा 37264, मसउद मंजर सीपीआइ 33205, जय कुमार पालित राजद 13423

2005 प्रेम कुमार भाजपा 48099, संजय सहाय कांग्रेस 23208

2010 प्रेम कुमार भाजपा 55618, जलालउद्दीन अंसारी सीपीआइ 27201

  2015 प्रेम कुमार भाजपा 66891, प्रियरंजन कांग्रेस 44102


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