भगवान बुद्ध ने केसपा में भी पत्थर पर बैठकर दिए थे उपदेश
गया। भगवान बुद्ध टिकारी के केसपा गांव में भी आए थे। इसके कई प्रमाण वहां हैं, पर यह गांव लोगों की
गया। भगवान बुद्ध टिकारी के केसपा गांव में भी आए थे। इसके कई प्रमाण वहां हैं, पर यह गांव लोगों की नजरों से ओझल है।
दुनिया भर के बौद्ध भिक्षुओं का बोधगया आना आरंभ हो गया है। धर्मगुरु दलाई लामा 50 दिनों के प्रवास पर बोधगया आ रहे हैं। प्रतिदिन भगवान बुद्ध की विशेष पूजा-अर्चना का कार्यक्रम चल रहा है। वंहीं, दूसरी ओर प्राचीन काल मे बौद्ध धर्म की आस्था का केंद्र रहे टिकारी का केसपा गाव और यहां विराजमान भगवान बुद्ध की विशालकाय अद्भुत प्रतिमा आज तक उपेक्षा का दंश झेल रही है। गाव के मध्य स्थित भगवान बुद्ध की काले पत्थर की बनी हुई आदमकद प्रतिमा विराजमान है। कहा जाता है कि भगवान बुद्ध ने भ्रमण के दौरान इस गाव में प्रवास किया था। प्रवास के दौरान यहां एक पत्थर के बने हुए कमल के फूल पर बैठकर उन्होंने उपदेश भी दिया था। कुछ वर्ष पूर्व सड़क निर्माण में खुदाई के दौरान एक पत्थर का बना हुआ विशाल कमल भी मिला था। मान्यता है कि पत्थर का यह वही कमल फूल है, जिस पर बैठकर वे उपदेश देते थे। इस गाव में लोक आस्था का केंद्र मां तारा देवी का मंदिर भी है। इस मंदिर की बनावट में भी बौद्ध कलाकृति की झलक मिलती है। कई बार बौद्ध भिक्षु भी इस मंदिर का दर्शन करने आ चुके हैं। 1992 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी इस मंदिर में पूजा अर्चना कर चुके है। यहां पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। सामाजिक कार्यकर्ता हिमाशु शेखर ने मगध प्रमंडल आयुक्त जितेंद्र श्रीवास्तव से मिलकर एक ज्ञापन सौंपते हुए इस गाव को बौद्ध एवं पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का आग्रह किया है। साथ ही ज्ञापन के माध्यम से दलाई लामा से बोधगया दौरा के क्रम में केसपा गाव के भ्रमण का आग्रह किया है। हिमाशु ने कई अन्य बौद्ध विद्वानों से मिलकर भी केसपा ग्राम को बुद्ध सर्किट से जोड़ने और बौद्ध मंदिर निर्माण कराने का आग्रह किया है।