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नानाजी देशमुख व वाजपेयी जी के करीबी रहे किशोरी मोहन का निधन, तीन राज्‍यों के थे क्षेत्र कार्यवाह

राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के पूर्व क्षेत्र कार्यवाह किशोरी मोहन प्रसाद का निधन हो गया है। 88 वर्ष की उम्र में उन्‍होंने अंतिम सांस ली। वे छात्र जीवन से ही संघ में सक्रिय हो गए थे। तीन राज्‍यों की जिम्‍मेदारी उनपर थी।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 05:32 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 05:32 PM (IST)
नानाजी देशमुख व वाजपेयी जी के करीबी रहे किशोरी मोहन का निधन, तीन राज्‍यों के थे क्षेत्र कार्यवाह
आरएसएस के क्षेत्र कार्यवाह किशोरी मोहन प्रसाद। फाइल फोटो

गया, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 88 वर्षीय पूर्व क्षे कार्यवाह किशोरी मोहन प्रसाद का निधन रविवार को उनके पैतृक घर घुघरीटांड मोहल्ला में हो गया सोमवार को गया स्थित श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके पुत्र नरेंद्र प्रसाद सिन्हा ने मुखाग्नि दी। किशोरी मोहन पर संघ के क्षेत्र कार्यवाह के रूप में तीन राज्यों झारखंड, दक्षिण व उतर बिहार राज्य का दायित्व था। उनके निधन पर शोक की लहर दौड़ गई है।

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युवावस्‍था में ही संघ की विचारधारा को अपनाया

उनका जन्म वर्ष 1933 में गया जिले के टेशवार गांव में हुआ था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में करने के बाद गया कॉलेज से स्‍नातक किया। इसी दौरान वे  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक तिलक राज के संपर्क में आए। बताया जाता है कि देश बंटवारा के बाद जब 1948 में महात्मा गांधी की हत्या हुई थी। उस वक्त तत्कालीन केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध लगा दिया था। संघ पर प्रतिबंध लगने के कारण किशोरी मोहन प्रसाद और सक्रिय स्वयंसेवक किशोरी प्रसाद के साथ जेल गए थे। जेल से छूटने के बाद वे बिहार सरकार की नौकरी में आ गए। ग्रामीण क्षेत्र में पदस्थापित होने के कारण आरएसएस से थोड़ी दूरी हो गई। सन 1970 में उनका स्थानांतरण मुंगेर में हुआ। वहां वे फिर से संघ के कार्य में सक्रिय हो गए। संघ में नगर कार्यवाह से लेकर क्षेत्र कार्यवाह तक दायित्व संभाला।

नानाजी देशमुख और वाजपेयी जी जैसी विभूतियों का मिला सान्निध्‍य

उन्‍हें नानाजी देखमुख, अटल बिहार वाजपेयी (Former Prime Minister Atal Bihar Vajpayee), गोविंदाचार्य, लाल कृष्ण आडवाणी और वर्तमान में सरसंघ चालक मोहन भागवत जैसी हस्तियों का सान्निध्‍य मिलता रहा। सादा जीवन और उच्‍च विचार के सिद्धांत पर चलने वाले किशोरी मोहन ने ताउम्र इस सिद्धांत को अपनाए रखा। संघ के कार्यों को वे बढ़ावा देते रहे।  संघ पर पहली बार प्रतिबंध के बाद भी कार्यो को बढ़ाते हुए मजबूत करने के लिए कार्य किए थे। उनके निधन पर सेवा भारती के प्रांतीय अधिकारी अनिल कुमार ने गहरा दुख प्रकट किया है।


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