मानपुर में बना तिरंगा लहराएगा मगध के सभी जिलों में
गया। खादी ग्रामोद्योग मानपुर में बने तिरंगे मगध प्रमंडल के तमाम खादी भंडार केंद्रों पर मिलेंगे। ये झंडे पूनी से चरखा पर हाथ से सूत की कताई कर करघा से बुनाई किया जाता है। इसके बाद कटिग कर मशीन में सिलाई कर विभिन्न साइजों में तैयार किया जाता है।
गया। खादी ग्रामोद्योग मानपुर में बने तिरंगे मगध प्रमंडल के तमाम खादी भंडार केंद्रों पर मिलेंगे। ये झंडे पूनी से चरखा पर हाथ से सूत की कताई कर करघा से बुनाई किया जाता है। इसके बाद कटिग कर मशीन में सिलाई कर विभिन्न साइजों में तैयार किया जाता है। मानपुर में बनने वाला तिरंगा मगध प्रमंडल के सभी जिलों में शान से फहराएगा।
कोविड-19 संक्रमण के कारण इस समय में विद्यालय बंद हैं। इसलिए तिरंगे की बिक्री कम होने का अनुमान है। यही वजह है कि खादी ग्रामोद्योग में साढ़े तीन हजार ही तिरंगे बनाए जा रहे हैं। पिछले साल लगभग सात हजार झंडे बनाए गए थे। कोरोना संक्रमण के कारण इस बार उत्पादन आधा कर दिया गया है। यहां तीन साइज में तिरंगा बनाया जाता है। उसी के अनुसार उसकी कीमत भी रखी जाती है।
गांधी टोपी की हर समय होती है मांग
खादी की बनी गांधी टोपी की मांग हर समय होती है। खादी भंडार केंद्र में हर समय टोपियां तैयार रहती हैं। 26 जनवरी को लेकर साढ़े तीन हजार टोपियां तैयार की जा रही हैं।
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तिरंगे की साइज - कीमत
48 सेमी चौड़ा 72 सेमी लंबा - 400 रुपये
36 सेमी चौड़ा 54 सेमी लंबा - 250
24 सेमी चौड़ा 36 सेमी लंबा - 150
गांधी टोपी - 50
---- ग्राम निर्माण मंडल खादी ग्रामोद्योग समिति मानपुर में तैयार तिरंगे की बिक्री गया, जहानाबाद, नवादा, औरंगाबाद एवं अरवल में खादी भंडार केंद्रों में होती है। यहां साढ़े तीन हजार तिरंगे बनाए जा रहे हैं।
-सुनील कुमार, मंत्री, खादी ग्रामोद्योग मानपुर